पुलिस अभिरक्षा में हो रही मौतों के बाद सख्त हुए डीजीपी, पुलिस ​अधीक्षकों को जारी किए ये निर्देश | These directives issued to the DGP, Superintendent of Police, after the deaths in police custody.

पुलिस अभिरक्षा में हो रही मौतों के बाद सख्त हुए डीजीपी, पुलिस ​अधीक्षकों को जारी किए ये निर्देश

पुलिस अभिरक्षा में हो रही मौतों के बाद सख्त हुए डीजीपी, पुलिस ​अधीक्षकों को जारी किए ये निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : July 27, 2019/12:03 pm IST

रायपुर। प्रदेश में लगातार हिरासत में हो रही मौतों के बाद डीजीपी सख्त नजर आ रहे हैं। इसके लिए उन्होने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को 11 बिंदुओं पर निर्देश जारी किए हैं। अपने निर्देंश में डीजीपी ने कहा है कि 25 जुलाई को मेरे द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिए गए दिशा निर्देशों का अक्षरश: पालन सुनिश्चित किया जाए।

read more : सीएम के गौशाला वाले बयान पर भाजपा का पलटवार, प्रदेश में हो रही हत्याओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही कांग्रेस

पुलिस मुख्यालय से जारी निर्देश में नीचे लिखे इन 11 बिंदुओं पर ध्यान रखने को कहा गया है-
1. पुलिस अभिरक्षा में आरोपियों को रखने एवं उनकी सुरक्षा के संबंध में समय-समय पर पूर्व में अनेक निर्देश पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी किये गये हैं, जिनमें मानव अधिकार आयोग के निर्देशों को शामिल करते हुए पुलिस अभिरक्षा में संदेहियों को रखे जाने के संबंध में स्पष्ट निर्देश दिये गये।

2. दिनांक 22.07.2019 को परिपत्र क-01/2019 पृष्ठा.कमांक/पुमु/सीआईडी/एलएस-1/303/19, दिनांक 22.07.2019 एवं पत्र क्रमांक/पुमु/अअवि/पुलिस अभिरक्षा/2019/360/19, दिनांक 22.07.2019 के माध्यम से मेरे द्वारा पुनः विस्तृत निर्देश दिये गये हैं। उक्त निर्देशों का अक्षरशः पालन थाना/चौकी स्तर तक करवाया जाना सुनिश्चित करें।

3.किसी भी आरोपी को अनावश्यक रात्रि में पुलिस अभिरक्षा में कतई न रखा जावे, दिन में ही संबंधित आरोपी की गिरफ्तारी कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर निराकरण सुनिश्चित किया जावे।

4.गिरफ्तार व्यक्ति का नियमानुसार स्वास्थ्य परीक्षण करवा कर उसकी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति की जांच करा लिया जावे।

5.थाने के हवालात एवं शौचालय पूर्णतया सुरक्षित हो इस संबंध में पूर्व में दिये गये दिशा-निर्देशों का पालन किया जावे।

6. गिरफ्तार व्यक्ति के लिये नियमानुसार निर्धारित समय पर भोजन इत्यादि अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जावे एवं इसकी प्रविष्टि थाने के डेली डायरी में किया जावे।

7. महिला एवं बच्चों की गिरफ्तारी के संबंध में मानव अधिकार आयोग द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जावे।

8.यदि विशेष परिस्थिति में किसी व्यक्ति को रात्रि में लॉक-अप में रखा जाता है, तो उसकी सुरक्षा हेतु नामजद जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों को कर्तव्यस्थ किया जावे।

9. थानों में गिरफ्तार व्यक्तियों की सुरक्षा का दायित्व स्पष्ट रूप से निर्धारित किया जावे। यह दायित्व संबंधित थाना प्रभारी/ ड्यूटी ऑफिसर, प्रधान आरक्षक मोहर्रिर एवं सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों का होगा।

10. पुलिस अधीक्षक प्रतिदिन जिले के थानों का नियमित रूप से आकस्मिक निरीक्षण करें एवं थाने के अधिकारी-कर्मचारियों को गिरफ्तार व्यक्ति की सुरक्षा के संबंध में स्पष्ट निर्देश एवं समझाईश देवें तथा हवालात एवं शौचालय इत्यादि की सुरक्षा की भी जांच करें एवं निरीक्षण रिपोर्ट लिखित में संबंधित थाने को भेजी जावे।

11. थाने में गिरफ्तार व्यक्तियों की सुरक्षा हेतु राजपत्रित अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक नियमित रूप से थाने का सूक्ष्म पर्यवेक्षण जारी रखें।

read more : बाल सुधार गृह में बंद नाबालिग ने लगाई फांसी, चोरी के आरोप में हुआ थ…

उपरोक्त सभी निर्देशों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित किया जावे कि आपके अधीनस्थ किसी भी थाना/चौकी में पुलिस अभिरक्षा में प्रताड़ना या मृत्यु की कोई घटना कतई न होवें। इसके लिये संबंधित थाना प्रभारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा एवं इसकी सतत पर्यवेक्षण के लिये संबंधित राजपत्रित अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे।

 
Flowers