जांजगीर।कहते हैं जहां चाह है, वहां राह है. इस बात को सिद्ध कर दिखाया है। जांजगीर के चाम्पा क्षेत्र के हथनेवरा गांव की 20 महिलाओं ने महिलाओं ने सुगन्धित धान की सामूहिक खेती करने का ठाना। आज ये महिलाएं पूरी तरह से सफल हैं और छग में कृषि के क्षेत्र में नए आईडिया के साथ बड़ा नवाचार किया है। सुगंधित धान की बेहतर फसल के बाद 22 एकड़ की खेती करने वाली महिलाओं ने अब ठाना है कि अब वे अगली बार 22 एकड़ के बजाय, 1 हजार एकड़ में सुगन्धित धान की सामूहिक खेती करेंगी।
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खेत में धान की फसल की कटाई कर रही इन महिलाओं का जज्बा देखकर कोई भी हैरत में पड़ जाए. आज जहां लोग खेती को लाभ का धंधा न मानकर, दूसरे काम करने रुचि ले रहे हैं, वहीं जांजगीर के चाम्पा क्षेत्र के हथनेवरा गांव की 20 महिलाओं ने लुप्त हो चुके सुगन्धित धान की खेती करने का मन बनाया. इसके लिए जैविक खेती को भी प्राथमिकता दी। चार माह पहले महिलाओं ने समूह बनाया और सुगन्धित धान की सामूहिक खेती करने के लिए करीब 25 एकड़ जमीन ठेके पर ली। इन महिलाओं ने खेती कार्य करने 3 पुरुष सदस्यों की भी मदद ली महिलाओं की टोली में एक महिला हरबाई कंवर तो खुद ही ट्रैक्टर चलाती है।
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बता दें कि IBC24 ने चार माह पहले जुलाई में महिलाओं की खेती के जज्बे को चैनल पर दिखाया था। जिसके बाद लोगों की तारीफ ने महिलाओं का हौसला बढ़ाने में मदद की नतीजा। आज 22 एकड़ में 20 तरह के सुगंधित धान की फसल दूर-दूर तक लहलहा रही है और महिलाओं की मेहनत बनकर, धान का एक-एक दाना, सोने का दाना बनकर चमक रहा है। महिलाओं का चेहरा भी सुगन्धित धान की अच्छी फसल के बाद चमकी हुई है. महिलाओं को सुगंधित धान की खेती से अच्छी आय हुई है, क्योंकि फसल अच्छी हुई है और सुगन्धित धान, बेहद महंगे दाम में बिकते है। महिलाओं ने 22 एकड़ में विष्णु भोग, बासमती, माई दुबराज, दुबराज देसी, रामझीरा, तिल कस्तूरी, तरुण भोग, तुलसी मंजरी, बादशाह भोग, बौना दूबराज, काली झीरा समेत 20 तरह के सुगन्धित धान की खेती की है. फिलहाल, 4 माह की कड़ी मेहनत के बाद महिलाएं धान की कटाई में लगी हैं. खास बात यह है कि पूरी खेती महिलाओं ने खुद ही है। खेतों में रोपाई से लेकर दूसरे काम, अब कटाई भी, वही 20 महिलाएं ही कर रही हैं, जिन्होंने सामूहिक खेती मिलकर की है. कुछ कृषक मित्र और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी मार्गदर्शन देते रहे, जिससे महिलाओं को खेती में और सहूलियत हुई। सुगन्धित धान की अच्छी खेती होने के बाद महिलाओं ने अगली बार से एक हजार एकड़ में सुगन्धित धान की खेती करने का फैसला किया। महिलाओं का आइडिया, आज दूसरे लोगों के लिए आदर्श बन गया है।
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