largest Foreign Investment in Indian Share Market: भारत दुनिया के नामचीन मार्केट प्लेस में शुमार है, यहां हमारे ही नही बल्की विदेशी लोगो के लिए भी बहुत सारे सामान बनते हैं।जो पूरे विश्व भर में सप्लाई की जाती है। अमेरिका के वॉल स्ट्रीट के बाद निवेशक सबसे ज्यादा भारतीय शेयर मार्केट पर नजर बनाए रखते है। विदेशी निवेशकों ने अगस्त में भी भारतीय शेयर बाजारों के लिए जबरदस्त उत्साह दिखाया है। फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टवेंट (FPI) ने अगस्त में अब तक करीब 44,480 करोड़ रुपये का निवेश किया है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने जुलाई महीने में लगभग 5,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। एफपीआई ने लगातार नौ महीनों तक बड़े पैमाने पर बिकवाली की, जिसके बाद वे जुलाई में पहली बार शुद्ध खरीदार बने थे।
श्रीकांत (Kotak Securities Equity head) चौहान ने कहा कि आने वाले महीनों में एफपीआई प्रवाह में उतार-चढ़ाव बना बना रहने वाला है। हालांकि बढ़ती महंगाई, मौद्रिक नीति में सख्ती और तिमाही नतीजों को लेकर चिंताएं कम होने से उभरते बाजारों में आवक बेहतर होने की उम्मीद है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार (head Of analytics jiojit financial securities) ने कहा कि निकट अवधि में पूंजी प्रवाह मुख्य रूप से डॉलर की रफ्तार से प्रभावित होगा।
एफपीआई ने 1 से 19 अगस्त के दौरान भारतीय इक्विटी में शुद्ध रूप से 44,481 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह चालू वर्ष में उनका अब तक का सबसे अधिक निवेश है। शेयर बाजार में पिछले हफ्ते टॉप 10 में पांच कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 30,737.51 करोड़ रुपये घट गया है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बीते हफ्ते में सेंसेक्स 183.37 अंक या 0.30 फीसदी चढ़ा है. इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, ICICI बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और बजाज फाइनेंस में गिरावट हुई है।