Swarna Sharda Scholarship 2022 : Kunti sau topped the entire state with hard work

#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : ‘हौसला हो तो संसाधन नहीं बन सकता बाधा’, कड़ी मेहनत से कुंति साव ने 12वीं बोर्ड में पूरे प्रदेश में किया टॉप, सीएम भूपेश ने किया सम्मानित

#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : 'हौसला हो तो संसाधन नहीं बन सकता बाधा': Swarna Sharda Scholarship 2022 : Kunti sau topped the entire state with hard work

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 AM IST, Published Date : July 7, 2022/9:10 pm IST

रायपुरः Swarna Sharda Scholarship 2022 अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस वर्ष भी प्रदेश टॉपर बेटी-बेटियों को IBC24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से सम्मानित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित बोर्ड परीक्षा में रायगढ़ जिले की कुंति साव ने अपना परचम लहराया है। कड़ी मेहनत से कुंति साव ने मैथ्स ग्रुप में 491 अंक हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। उनके इस मेहनत के लिए IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप प्रदान किया जा रहा है।

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Swarna Sharda Scholarship 2022 कुंति कहती हैं कि आप में हौसला है तो गांव, शहर, संसाधन कभी बाधा नहीं बन सकते। मेरे पापा मजदूर हैं। दिनभर काम करते हैं तब हम लोगों का घर चल पाता है। मां घरेलू महिला हैं। मैंने पढ़ाई में अच्छे से अच्छा करने का संकल्प इसलिए लिया, ताकि हमारा परिवार आर्थिक तंगी से उबर सके। पुसौर ब्लॉक में छोटा सा गांव हरदी है, जहां से मैं ताल्लुक रखती हूं। सायकल से ही स्कूल आना होता था। यह अच्छी बात है कि जब आपका हौसला बुलंद हो तो लोग भी सहयोग करते हैं। मेरी पढ़ाई की लगन और मेहनत को देखते हुए मेरे विद्यालय आदर्श ग्राम्य भारती के प्रबंधन ने मेरी 11वीं व 12वीं की फीस माफ कर दी है। यह मेरे जीवन में आगे बढ़ने में बड़ी सहायक सिद्ध हुई। जिस तरह से आईबीसी-24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप संचालित की जाती है, उस हिसाब से हम बेटियों खासकर मेरे जैसे आर्थिक रूप से तंग परिवारों की बेटियों के लिए बड़ी मदद है। मुझे संतोष है कि मैंने जैसे पढ़ा वैसा ही लिखा और नंबर भी वैसे ही आए। जैसे कि केमिस्ट्री, फिजिक्स, हिंदी और मैथ्स में 100 में से पूरे 100 नंबर मिले। यह मेरी रोज 6 से 7 घंटों की पढ़ाई का नतीजा है। मैंने इसके लिए एक्स्ट्रा क्लास भी अटैंड की। मुझे लगता है अगर आपमें कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो गांव,शहर कभी बंधन नहीं बनते। आप अपने लक्ष्य पर फोकस रखो तो रास्ते खुद ही खुलते जाते हैं। हम भटकाव से बचें तो कभी विफल नहीं हो सकते। पापा चाहते हैं कि मैं अच्छी सी नौकरी में आ जाऊं। मेरा भी सपना है कि मैं यूपीएससी की तैयारी करूं और जिला कलेक्टर बनूं।

 
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