द चार्जशीट : कोयला घोटाले में EOW ने 35 लोगों को बनाया नामजद आरोपी, इस तरह रचा लेवी नेटवर्क को खड़ा करने का पूरा प्लान..देखें |

द चार्जशीट : कोयला घोटाले में EOW ने 35 लोगों को बनाया नामजद आरोपी, इस तरह रचा लेवी नेटवर्क को खड़ा करने का पूरा प्लान..देखें

The Chargesheet: एक्सट्राशन गिरोह की एक अहम कड़ी का नाम है आईएएस अधिकारी रानू साहू। कोरबा, रायगढ़ जैसी जिलों की कलेक्टर रह चुकी रानू पर आरोप है कि इन्होंने सूर्यकांत तिवारी के वसूली गैंग को अवैध लेवी वसूलने के काम को संरक्षण दिया.

Edited By :   Modified Date:  March 5, 2024 / 01:36 PM IST, Published Date : February 11, 2024/11:16 pm IST

coal scam in chhattigarh: रायपुर। द चार्जशीट में आज बात कोयला घोटाला पार्ट टू की…। पार्ट वन में हम कल आपको बता चुके हैं कि भूपेश सरकार में किस तरह घोटालेबाजों ने सिस्टम में सेंधमारी करके इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया…। आज हम पार्ट टू में इस घोटाले की कुछ और परतें खोलेंगे… 540 करोड़ रुपये के कोल लेवी स्कैम को अंजाम देने में ED ने अब तक जो जांच की है, उसके आधार पर छत्तीसगढ़ की जांच एजेंसी EOW ने 35 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है…। इन लोगों में नेता हैं, अधिकारी हैं और उनसे इतर नॉन पॉलिटकल पर्सन भी हैं। तो चलिए इस रैकेट से जुड़े हर शख्स की भूमिका को पूरी तफ्सील से आपको बताते हैं….

नाम- सूर्यकांत तिवारी
लेवी स्कैम का सूत्रधार

जी हैं…ये वो नाम है जिसने लेवी नेटवर्क को खड़ा करने का पूरा प्लान रचा..। इसी ने लेवी नेटवर्क को खड़ा करने के लिए तत्कालीन ऑनलाइन सिस्टम को खत्म करने की साजिश रची..। इनकम टैक्स विभाग के छापे में वीआईपी करिश्मा के इसके फ्लैट से एक डायरी जब्त हुई थी, जिसमें लिखा था कि डीओ का ट्रांजिट पास खनन अधिकारी द्वारा मैनुअली जारी किए जाने की जरुरत है…। उस डायरी में इसका भी उल्लेख है कि मैनुअली टीपी जारी करने के लिए सर्वर में खराबी का कारण बता दिया जाए। इसी सूर्यकांत तिवारी के शातिर दिमाग ने पूरा एक्सटॉर्शन नेटवर्क खड़ा किया और उसी के ईशारे पर पैसों का बंटवारा किया गया..। इसके कई बड़े अधिकारियों और राजनेताओं के साथ गहरे ताल्लुक रहे हैं।

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इस लेवी नेटवर्क का दूसरे बड़े किरदार का नाम है आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई… समीर विश्नोई पर आरोप है कि इन्होंने सूर्यकांत तिवारी के प्रभाव में आकर ऑनलाइन सिस्टम को खत्म कर डीओ मैनुअली जारी करने का आदेश जारी किया…। ईडी की पूछताछ में कई जिलों के माइनिंग अधिकारी ने बयान दिया है कि पूर्व का ऑनलाइन सिस्टम अच्छा काम कर रहा था. कहीं कोई गड़बड़ी नहीं थी. फिर भी अचानक उसे बंद कर मैनुअली सिस्टम तैयार किया गया।

इस लेवी नेटवर्क की तीसरी अहम किरदार का नाम है सौम्या चौरसिया- तत्कालीन सीएम की उपसचिव और सीएमओ ऑफिस में पदस्थ सौम्या चौरसिया पर आरोप है कि उन्होंने सूर्यकांत तिवारी के वसूली गिरोह की मदद के लिए कोयला खनन वाले जिलों में भ्रष्ट खनन अधिकारियों की नियुक्ति कराई.

एक्सट्राशन गिरोह की एक अहम कड़ी का नाम है आईएएस अधिकारी रानू साहू। कोरबा, रायगढ़ जैसी जिलों की कलेक्टर रह चुकी रानू पर आरोप है कि इन्होंने सूर्यकांत तिवारी के वसूली गैंग को अवैध लेवी वसूलने के काम को संरक्षण दिया.

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अधिकारियों के अलावा कुछ कारोबारी भी इस लेवी नेटवर्क से जुड़े थे। ऐसा ही एक नाम है सुनील अग्रवाल का- इदरमणि ग्रुप के मालिक सुनील अग्रवाल ने सूर्यकांत तिवारी को कोल वाशरी दिलाने में मदद की…। इस कोल वाशरी को कोल लेवी से वसूली गई रकम से खरीदा गया…। सूर्यकांत तिवारी के ठिकानों पर जब आईटी टीम ने छापा मारा तो सुनील अग्रवाल ने फर्जी बिल तैयार करके उस कोल वाशरी को अपना साबित करने की कोशिश की..। यही नहीं बल्कि सुनील अग्रवाल ने सूर्यकांत तिवारी की सारी बेनामी संपत्ति को खरीदकर भी उसे बचाने की कोशिश की…।

वसूली गिरोह का एक अहम सदस्य है मनीष उपाध्याय। सूर्यकांत तिवारी का रिश्तेदार और सौम्या चौरसिया के बेहद करीबी मनीष उपाध्याय पर सौम्या चौरसिया तक रकम पहुंचाने का संगीन आरोप है..।

ऐसा ही एक नाम है रोशन सिंह का- रोशन सिंह व्हाट्सऐप चैट के जरिए रानू साहू के संपर्क में रहता था. रोशन सिंह जो कहता उसे रानू साहू को करना होता था…। वहीं निखिल चंद्राकर वसूली की रकम को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने का काम संभालता था..।

इसके अलावा इस लेवी नेटवर्क की एक अहम कड़ी सूर्यकांत तिवारी का भाई रजनीकांत तिवारी था। पूरे प्रदेश से लेवी की जो भी उगाही होती थी, उसका पूरा हिसाब किताब यही रखता था. आयकर विभाग के छापे में इसके पास से लेवी से अर्जित आय के अलावा इस रकम की नेताओं- अधिकारियों में होने वाली बंदरबांट का पूरा ब्योरा मौजूद है।

इसके अलावा सूर्यकांत तिवारी ने पूरे प्रदेश में अपने गैंग के गुर्गे एप्वाइंट कर रखे थे…। इस कड़ी में राहुल सिंह को सूरजपुर में
नवीनत तिवारी को रायगढ़ में,
पारेख कुर्रे को बिलासपुर में,
मोईनुद्दीन कुरैशी को कोरबा में,
वीरेंद्र जायसवाल को सूरजपुर
में नियुक्त किया गया था..। ये सभी अपने-अपने जिलों से कोयला कारोबारी से लेवी वसूल कर वहां के खनिज अधिकारी को डीओ जारी करने का निर्देश देते थे।

इसके अलावा ईडी की चार्जशीट में कुछ खनिज अधिकारियों जिसमें संदीप नायक, पुष्पेंद्र शर्मा, शिव बंजारी, शिव शंकर नाग, भूपेंद्र चंद्राकर, एनएल सोनकर, मीनाक्षी साहू के भी नाम शामिल हैं जिन पर अवैध वसूली के आधार पर कोल ट्रांसपोर्टेशन के लिए डीओ जारी करने का आरोप है..।

राजेश राज, आईबीसी 24