प्रधानमंत्री की प्रेरणा व प्रयास से संयुक्त अरब अमीरात में बना पहला हिंदू मंदिर: योगी आदित्यनाथ |

प्रधानमंत्री की प्रेरणा व प्रयास से संयुक्त अरब अमीरात में बना पहला हिंदू मंदिर: योगी आदित्यनाथ

प्रधानमंत्री की प्रेरणा व प्रयास से संयुक्त अरब अमीरात में बना पहला हिंदू मंदिर: योगी आदित्यनाथ

:   Modified Date:  February 23, 2024 / 02:44 PM IST, Published Date : February 23, 2024/2:44 pm IST

वाराणसी (उप्र), 23 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या धाम के साथ ही प्रधानमंत्री की प्रेरणा व प्रयास से संयुक्त अरब अमीरात में पहले हिंदू मंदिर का निर्माण हुआ है।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में सांसद खेलकूद, सांसद संस्कृत प्रतियोगिता, सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए मुख्‍यमंत्री योगी ने यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘‘500 वर्षों के प्रभु श्री रामलला के वनवास के कालखंड को समाप्त कर अयोध्या धाम में अपनी दूरदर्शिता, वचनबद्धता और कर कमलों से प्रभु को विराजमान कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काशी आए हैं और उनकी ही प्रेरणा व प्रयास से संयुक्त अरब अमीरात में पहला हिंदू मंदिर बना है। गत सप्ताह ही उसका लोकार्पण कर प्रधानमंत्री काशी में पधारे हैं।’’

यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार योगी ने कहा, ‘‘काशी मंदिरों का ही शहर है। अब काशी की आभा वैश्विक मंच पर सांस्कृतिक रूप से बुलंद हो रही है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी सर्वविद्या की राजधानी होगी और पिछले 10 वर्ष में आध्यात्मिक व सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखते हुए काशी नए कलेवर में दुनिया के सामने आई है।

उन्होंने कहा,‘‘ कल रात्रि 11 बजे भी अपने प्रधानमंत्री को विकास कार्यों का अवलोकन करते हुए देखा होगा। रात्रि 11 बजे जब दुनिया सोती है, तब प्रधानमंत्री जी जगकर आपके हित में कार्य कर रहे थे। यह बताता है कि राजनेता कैसे जनमानस का विश्वास अर्जित कर सकता है।’’

एक अन्‍य आधिकारिक बयान के अनुसार यहां वाराणसी के सीरगोवर्धन में संत रविदास की 647 वीं जयंती समारोह को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की मौजूदगी में संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी की तर्ज पर सीरगोवर्धन में नया स्वरूप देखने को मिलता है।

उन्‍होंने कहा कि आज संग्रहालय का शिलान्यास हुआ है, यह संगत जब उनकी 650वीं जयंती मनाएगी तो यहां भव्य स्मारक देखने को मिलेगा।

भाषा आनन्‍द शोभना

शोभना

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