उम्मीद है कि आजम खां के साथ न्याय होगा : अखिलेश यादव |

उम्मीद है कि आजम खां के साथ न्याय होगा : अखिलेश यादव

उम्मीद है कि आजम खां के साथ न्याय होगा : अखिलेश यादव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:45 PM IST, Published Date : May 11, 2022/9:28 pm IST

आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश), 11 मई (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को जेल से बाहर नहीं आने देने के लिए उन पर शिकंजा कसने का उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को उम्मीद जतायी कि उनके (खां के) साथ न्याय होगा।

आजमगढ़ में एक श्रद्वाजलि सभा में शामिल होने आए यादव ने भ्रष्टाचार समेत अनेक आरोपों में जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता एवं रामपुर से विधायक आजम खां का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि खां पर सरकार ने इतना कानूनी शिकंजा कसा कि वह जेल से बाहर न निकल पायें, लेकिन जिस तरह से न्यायालय में सुनवाई हो रही है उससे समाजवादियों को उम्मीद है कि उनके (खां के) साथ न्याय होगा।

गौरतलब है कि आजम खां भ्रष्टाचार समेत कई आरोपों में दो साल से ज्यादा समय से सीतापुर जेल में बंद हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को खां को बड़ी राहत देते हुए शुत्र संपत्ति पर अवैध कब्जे के मामले में जमानत दे दी। इसके बावजूद वह सीतापुर जेल में ही रहेंगे। अब तक पूर्व मंत्री आजम खां को 89 मामलों में से 88 में जमानत मिल चुकी है। आखिरी मामले में जमानत मंजूर होने के बाद ही वह जेल से रिहा हो सकेंगे।

सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार जब से सत्ता में आयी है, अपने खिलाफ मुखर नेताओं के खिलाफ देशद्रोह जैसी संगीन धाराएं लगाई हैं। ‘बुलडोजर प्रदेश’ में मुसलमानों और न्याय मांग रहे लोगों के घरों पर बुलडोजर चल रहा है।

यादव ने दावा किया कि सरकार अगर अभी मुफ्त राशन योजना खत्म कर दे तो देश के हालत श्रीलंका जैसे हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के पास अब बजट का अभाव है, इसलिए वह किसान सम्मान निधि और राशन वितरण को बंद करने के बहाने ढूंढ रही है। सपा प्रमुख ने कहा कि सरकार भूल गयी है कि देश कानून व संविधान से चलेगा न कि बुलडोजर से।

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी सर्वे को लेकर उठे विवाद पर यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर नफरत फैलाने वाले काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का एक आदेश है कि पुरानी धरोहरों से छेड़छाड़ न की जाए, लेकिन क्या सरकार न्यायालय के इस फैसले को भी नहीं मानेगी?

भाषा सं. सलीम

सुरेश

सुरेश

 

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