भाजपा को आखिर में 400 पार की आवश्‍यकता क्‍यों पड़ी : दिग्विजय |

भाजपा को आखिर में 400 पार की आवश्‍यकता क्‍यों पड़ी : दिग्विजय

भाजपा को आखिर में 400 पार की आवश्‍यकता क्‍यों पड़ी : दिग्विजय

:   Modified Date:  May 18, 2024 / 06:46 PM IST, Published Date : May 18, 2024/6:46 pm IST

लखनऊ, 18 मई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोकसभा चुनाव में 400 सीटें मिलने पर संविधान बदलने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि जिस प्रकार से भाजपा के कई सांसद और नेताओं ने संविधान को बदलने की जो मंशा जताई है, वह अपने आप में संकेत देती है कि आखिर में 400 पार की आवश्कता क्यों पड़ी।

यहां उप्र कांग्रेस के राज्‍य मुख्‍यालय पर एक संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ”भारतीय संविधान या लोकतंत्र पर कहीं कोई शंका नहीं थी कि इसके स्वरूप को भी परिवर्तित किया जा सकता है, लेकिन जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और स्वयं प्रधानमंत्री जी 400 पार की घोषणा कर रहे हैं और जिस प्रकार से भाजपा के कई सांसद व नेताओं ने संविधान को बदलने की मंशा जताई है, वह अपने आप में संकेत देती है कि आखिर में 400 पार की आवश्कता क्यों पड़ी।”

उन्होंने कहा, ”भाजपा का देश में नया भारतीय संविधान लाने का कुटिल प्रयास है, क्योंकि सन 1950 से आरएसएस (राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ) ने भारतीय संविधान को पूर्ण स्वीकार नहीं किया है और आज भी स्वयं मोहन भागवत का बयान देखेंगे तो उन्होंने आरक्षण के मामले पर कई बार प्रश्नचिन्ह लगाया है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि एक तरफ गांधी, नेहरू और लोहिया की विचारधारा है जो मूल रूप से किसान मजदूर छोटा एवं मध्यम व्यापारी, छोटा, मध्यम वर्गीय उद्योग के लिए रही है, और उसी के आधार पर जमींदारी उन्मूलन अधिनियम समेत अनेक कानून बने हैं।

उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ किसान विरोधी सरकार है जो हमेशा जनहित विरोधी कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल को कमजोर करने का 2014 में पहला संशोधन नरेन्द्र मोदी जी लाये जो भूमि अधिग्रहण बिल को कमजोर कर दिया और राज्यों को अधिकार दे दिया।

कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मेहनतकश किसान जो खेत जोतता था उसे मालिकाना हक दिया गया और यही एक कारण था कि इस देश में खूनी क्रांति नहीं हुई। देश में छोटे-बड़े उद्योग स्थापित किये और समय के साथ अलग अलग योजनाएं लाएं, शिक्षा के क्षेत्र में, स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर तरह से देश के विकास में योगदान दिया।

सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री जी ने नरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं का विरोध कर मजदूरों के हितों की अनदेखी की।

उन्होंने कहा कि मनरेगा की वजह से ही पूर्वांचल और बुंदेलखंड से पलायन का रोका गया था, परन्तु सरकार आज उनकी भी मजदूरी नहीं दे पा रही है। हमारा वादा है कि हम सरकार में आते ही मनरेगा की मजदूरी प्रतिदिन 400 रुपये देंगे।

भाषा आनन्द रंजन

रंजन

 

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