उप्र : महराजगंज के जिलाधिकारी को विधान परिषद में तलब करने की मांग उठी |

उप्र : महराजगंज के जिलाधिकारी को विधान परिषद में तलब करने की मांग उठी

उप्र : महराजगंज के जिलाधिकारी को विधान परिषद में तलब करने की मांग उठी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : May 24, 2022/4:08 pm IST

लखनऊ, 24 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति कुमार मानवेंद्र सिंह ने मंगलवार को राज्य सरकार को महाराजगंज के जिलाधिकारी को जनप्रतिनिधियों से शिष्ट तरीके से बात करने की सख्त हिदायत देने के निर्देश दिए।

सभापति ने भाजपा सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा शून्यकाल के दौरान उठाए गए एक मामले को विशेषाधिकार हनन के नोटिस के तौर पर अस्वीकार करते हुए ये निर्देश जारी किए।

देवेंद्र प्रताप सिंह ने नियम 223 के तहत विशेषाधिकार नोटिस के जरिये मामला उठाते हुए कहा कि उन्होंने पिछले सप्ताह महराजगंज के जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार को फोन करके इस तथ्य से अवगत कराया कि क्षेत्र पंचायतों से पारित किए जाने वाले तमाम प्रस्तावों के मामले में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि यह बात सुनते ही जिलाधिकारी आग बबूला हो गए और तल्ख अंदाज में उनकी आवाज दबाने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा, “जिलाधिकारी का यह आचरण लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। यदि जिलाधिकारी स्तर का कोई जिम्मेदार अधिकारी जनप्रतिनिधियों से गुंडे-माफियाओं की तरह बात करेगा तो किसी भी दशा में यह स्वीकार्य नहीं है।”

सिंह ने कहा, “अभद्र तरीके से बात करके आरोपी अधिकारी ने विधायिका के विशेषाधिकार का हनन किया है। लिहाजा सभापति महोयद से आग्रह है कि वह आरोपी अधिकारी को सदन में बुलाएं। साथ ही सदन को कुछ देर के लिए न्यायालय में परिवर्तित कर जिलाधिकारी को कठघरे में खड़ा कर उनसे सवाल जवाब किया जाए।”

नेता प्रतिपक्ष संजय लाठर ने मामले को बेहद गंभीर करार देते हुए इसे सदन के सदस्यों के विशेषाधिकार के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि सभापति महोदय से अनुरोध है कि पुरानी व्यवस्था के अनुरूप ऐसे अधिकारी को तलब करके इस सदन को न्यायालय के रूप में परिवर्तित करके कार्यवाही की जाए।

वहीं, नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि इस मामले में गोरखपुर मंडल के आयुक्त से आख्या मांगी गई है और सरकार इस मामले को देखेगी।

इस पर कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह, बसपा सदस्य भीमराव आंबेडकर, शिक्षक दल के सुरेश कुमार त्रिपाठी व ध्रुव कुमार त्रिपाठी और निर्दलीय समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जैसा कि सदन की स्थापित परंपरा रही है कि ऐसे अधिकारी को तलब करके कटघरे में सवाल-जवाब करने के बाद पीठ निर्णय लेती है, इस मामले में भी ऐसा ही कदम उठाया जाना चाहिए।

सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने व्यवस्था देते हुए कहा, “बात सूचना प्रोटोकॉल के उल्लंघन की है, इसलिए विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव अस्वीकार किया जाता है। लेकिन नेता सदन संबंधित अधिकारी को कड़ाई से निर्देश दें कि वह सभी जनप्रतिनिधियों से दूरभाष पर शिष्टाचार पूर्वक बात करें और माननीय सदस्य को जो कष्ट पहुंचा है, वह कष्ट दोबारा न हो, इसका भी ध्यान रखें।”

इस पर देवेंद्र प्रताप सिंह ने आग्रह किया कि महराजगंज के जिलाधिकारी ने पूरे सदन का अपमान किया है और अगर आज हम कठोर कार्यवाही नहीं करेंगे तो कल यह अधिकारी अराजकता फैला देगा।

इस पर सभापति ने आश्वासन दिया कि ‘जो आवश्यक होगा, किया जाएगा। सरकार को निर्देश दिए गए हैं, उसके अतिरिक्त भी जो करना होगा, किया जाएगा।’

भाषा

सलीम मनीषा पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)