लंदन में बिलावल ने की नवाज शरीफ से मुलाकात, पाकिस्तान की ‘समग्र राजनीतिक स्थिति’ पर की चर्चा |

लंदन में बिलावल ने की नवाज शरीफ से मुलाकात, पाकिस्तान की ‘समग्र राजनीतिक स्थिति’ पर की चर्चा

लंदन में बिलावल ने की नवाज शरीफ से मुलाकात, पाकिस्तान की ‘समग्र राजनीतिक स्थिति’ पर की चर्चा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : April 22, 2022/12:44 am IST

इस्लामाबाद/लंदन, 21 अप्रैल (भाषा) पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने बृहस्पतिवार को लंदन में पीएमएल-एन नेता नवाज शरीफ से मुलाकात की, जिस दौरान दोनों नेताओं ने पाकिस्तान में ‘समग्र राजनीतिक स्थिति’ पर चर्चा की और राजनीति एवं राष्ट्रीय हित से संबंधित मुद्दों पर मिलकर काम करने का संकल्प जताया।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) तब बारी-बारी से पाकिस्तान में सत्ता में रहे हैं जब सेना देश के शासन पर काबिज नहीं थी।

बिलावल ने विदेश मंत्री के रूप में शपथ लेने से परहेज किया है। इससे ये अटकलें उत्पन्न हुई कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सभी सहयोगियों में आम सहमति नहीं है। बिलावल ने नवाज शरीफ से लंदन में उनके बेटे के स्टैनहोप हाउस स्थित कार्यालय में मुलाकात की।

पीपीपी की मीडिया इकाई के अनुसार, दोनों नेताओं ने देश में ‘समग्र राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की’ और राष्ट्रीय राजनीतिक मामलों में आपसी समझ और सहमति के साथ आगे बढ़ने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया।

नवाज शरीफ के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के कई मामले शुरू किए गए थे। नवाज शरीफ नवंबर 2019 में लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें उनके इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति देने के बाद लंदन के लिए रवाना हो गए थे।

72 वर्षीय नवाज शरीफ ने लाहौर उच्च न्यायालय को चार सप्ताह के भीतर या स्वस्थ एवं फिट घोषित होते ही कानून एवं न्याय की प्रक्रिया का सामना करने के पाकिस्तान लौटने का वचन दिया था। उन्हें अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में भी जमानत दी गई थी, जिसमें वह लाहौर की उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में सात साल की कैद की सजा काट रहे थे।

बिलावल ने नवाज को इमरान खान की ‘‘चुनी हुई सरकार’’ को हटाने और पंजाब के मुख्यमंत्री चुनाव में नवाज के रिश्तेदार हमजा शहबाज की जीत पर बधाई दी।

बैठक में पीपीपी नेता शेरी रहमान, नवीद कमर और कमर जमा कैरा ने भी हिस्सा लिया। साथ ही बैठक में पीएमएल-एन के नेता हसन नवाज, हुसैन नवाज, इशाक डार और आबिद शेर अली भी मौजूद थे।

बैठक से पहले पीपीपी नेता फैसल करीम कुंडी ने कहा कि कोई विशेष एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा कि बिलावल और नवाज के बीच ‘राजनीतिक चर्चा’ होगी जिसके बाद बिलावल एक कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए पाकिस्तान लौटेंगे।

‘द न्यूज’ की खबर के अनुसार, लंदन में पत्रकारों से बात करते हुए बिलावल ने कहा कि गठबंधन सरकार एक बार फिर देश में लोकतंत्र की बहाली की दिशा में काम करने की कोशिश करेगी।

समाचार पत्र ने बिलावल के हवाले से कहा, ‘‘इमरान खान के खिलाफ कोई विदेशी साजिश नहीं थी, यह एक लोकतांत्रिक साजिश थी […] यह व्हाइट हाउस नहीं, बल्कि बिलावल हाउस में रची गई साजिश थी।’’

उन्होंने कहा कि वह पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता नवाज शरीफ से मिलने आए हैं क्योंकि सभी में सहमति बनने के बाद वे पाकिस्तान के मुद्दों को सुलझा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पीएमएल-एन और पीपीपी एक बार पाकिस्तान के मुद्दों को सुलझा लेंगे।’’

हालांकि, पीपीपी सूत्रों ने पहले कहा था कि बिलावल संघीय कैबिनेट के गठन के बारे में अपनी पार्टी और अन्य सहयोगियों की आपत्ति को व्यक्त करने के लिए नवाज से मिल रहे हैं।

पीपीपी बिलावल के संघीय कैबिनेट में शहबाज के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में देश के नए विदेश मंत्री के रूप में शामिल होने के मुद्दे पर बंटी हुई है। पीपीपी प्रधानमंत्री शहबाज की मौजूदा गठबंधन सरकार में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है जो 11 अप्रैल को नियुक्त हुई थी।

पीपीपी के सूत्रों ने कहा कि 33 वर्षीय बिलावल अभी भी मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर अनिच्छुक हैं क्योंकि इससे चुनाव से पहले उनकी राजनीतिक गतिविधियों में बाधा आ सकती है, जो साल के अंत तक होने की संभावना है। हालांकि 70 साल के शहबाज शरीफ इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें इसमें शामिल होना चाहिए।

भाषा अमित वैभव

वैभव

 

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