ताइपे (ताइवान), 17 मई (एपी) ताइवान के निवर्तमान विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा है कि रूस और चीन एक-दूसरे को अपनी क्षेत्रीय पहुंच बढ़ाने में मदद कर रहे हैं और लोकतांत्रिक देशों को उन निरंकुश देशों के खिलाफ कदम उठाना चाहिए जो उनके अधिकारों और संप्रभुता को खतरे में डालते हैं।
जोसेफ वू की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब रूस के यूक्रेन पर हमले के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन की यात्रा पर हैं। पुतिन और चीन के नेता शी चिनफिंग ने दोनों देशों के बीच ‘असीमित’ साझेदारी को भी दोहराया जो पश्चिमी देशों के साथ उनके बढ़ते तनाव के बीच गहरी हो रही है।
वू ने यूरोप, दक्षिण चीन सागर और उससे आगे रूस और चीन की सैन्य आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए लोकतंत्रिक देशों से एकजुट होने का आह्वान किया। चीन ने ताइवान पर आक्रमण करने की धमकी दी है, जिसे वह अपना क्षेत्र होने का दावा करता है।
उन्होंने कहा, ‘पुतिन की बीजिंग यात्रा दो बड़े अधिनायकवादी देशों के एक-दूसरे का समर्थन करने, एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने, एक-दूसरे के विस्तारवाद का समर्थन करने का उदाहरण है।’
वू ने एक साक्षात्कार में पश्चिमी शक्तियों से रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन का समर्थन जारी रखने का आह्वान किया ताकि यह संदेश दिया जा सके कि लोकतंत्रिक देश एक दूसरे की रक्षा करेंगे।
वू ने कहा, ‘अगर अंत में यूक्रेन हार जाता है, तो मुझे लगता है कि चीन को प्रेरणा मिलेगी और वे हिंद-प्रशांत में अपनी शक्ति का विस्तार करने के लिए और भी महत्वाकांक्षी कदम उठा सकते हैं, और यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए विनाशकारी होगा।’
वू ने दक्षिण चीन सागर में संभावित संघर्ष के खतरे के बारे में चेतावनी दी, जो एक संसाधन संपन्न क्षेत्र और वैश्विक व्यापार के लिए प्रमुख पारगमन मार्ग है, जहां चीन अपने कई पड़ोसियों के साथ परस्पर क्षेत्रीय दावे कर रहा है।
एपी अमित रंजन
रंजन
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