दुनियाभर में चीन के वित्त पोषण वाली परियोजनाएं प्रकृति एवं मूल निवासी लोगों के लिए जोखिम भरी |

दुनियाभर में चीन के वित्त पोषण वाली परियोजनाएं प्रकृति एवं मूल निवासी लोगों के लिए जोखिम भरी

दुनियाभर में चीन के वित्त पोषण वाली परियोजनाएं प्रकृति एवं मूल निवासी लोगों के लिए जोखिम भरी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : September 24, 2021/4:13 pm IST

(ब्लैक एलेक्जेंडर सिमन्स, केविन पी. गल्लाघेर और रेबेका रे, बोस्टन यूनिवर्सिटी)

बोस्टन (अमेरिका), 24 सितंबर (द कन्वरसेशन) चीन अपनी ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई)’ के माध्यम से आर्थिक विकास के भविष्य को आकार दे रहा है, जो व्यापार और बुनियादी ढांचे के माध्यम से उसे दुनिया के बाकी हिस्सों से बेहतर तरीके से जोड़ने के लिए एक महत्वाकांक्षी बहु-अरब डॉलर की अंतरराष्ट्रीय परियोजना है।

इस परियोजना के माध्यम से, चीन 100 से अधिक देशों को सड़कों, रेलवे, बिजली संयंत्रों, बंदरगाहों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए धन मुहैया करा रहा है, जिसकी उन्हें लंबे समय से जरूरत थी।

यह विशाल प्रयास, इसमें शामिल देशों और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए व्यापक आर्थिक विकास उत्पन्न कर सकता है। विश्व बैंक का अनुमान है कि बेल्ट एंड रोड पहल के वित्तीय योगदान की बदौलत इससे लाभांवित होने वाले देशों का सकल घरेलू उत्पाद 3.4 फीसदी तक बढ़ सकता है। लेकिन विकास के साथ-साथ मानवों की आवाजाही और आर्थिक गतिविधि नए क्षेत्रों में भी बढ़ती है जो वनों की कटाई, गैरकानूनी वन्यजीव तस्करी और आक्रामक प्रजातियों के प्रसार को बढ़ावा दे सकती हैं। इन परियोजनाओं को आमतौर पर स्थानीय मूल समुदायों की अनुमति के बगैर ही मंजूरी दे दी जाती है।

एक नए प्रकाशित अध्ययन में, विकास अर्थशास्त्रियों और संरक्षण वैज्ञानिकों की हमारी टीम ने चीन के विदेशी विकास वित्त परियोजनाओं के स्वदेशी भूमि, वे प्रजातियां जिन पर लुप्त होने का संकट मंडरा रहा है, वैश्विक जैव विविधता संरक्षण संबंधी संरक्षित क्षेत्रों और संभावित महत्वपूर्ण आवासों के लिए जोखिम का मानचित्रण किया।

हमारे अध्ययन में चीन विकास बैंक और चीन के निर्यात-आयात बैंक द्वारा वित्तपोषित 594 विकास परियोजनाओं की जांच की गई। हमने 2008 और 2019 के बीच इन दो ‘नीति बैंकों’ द्वारा समर्थित परियोजनाओं की विशेषताओं और स्थानों को ध्यान में रखने के लिए एक डेटाबेस बनाया। इस अवधि के दौरान, इन बैंकों ने 93 देशों को विकास वित्त में 462 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक देने का वादा किया।

इन दोनों बैंकों द्वारा वित्तपोषित सभी परियोजनाओं में से लगभग आधी संभावित महत्वपूर्ण आवासों के भीतर स्थित हैं। विश्व बैंक की इकाई, अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम, जो विकासशील देशों में निजी निवेश को बढ़ावा देती है, उसके अनुसार, ये ऐसे क्षेत्र हैं जो संरक्षण के लिए आवश्यक हो सकते हैं जिन्हें विशेष सुरक्षा की आवश्यकता हो। चीन की हर तीन परियोजनाओं में से एक मौजूदा संरक्षित क्षेत्रों में आती है, और चार में से लगभग एक क्षेत्र के मूल निवासी लोगों के स्वामित्व या उनके द्वारा देखरेख वाली भूमि से गुजरती है।

कुल मिलाकर, गणना करने पर हमने पाया कि चीन का विकास वित्त पोर्टफोलियो दुनिया के 24 फीसदी उभयचरों, पक्षियों, स्तनधारियों और सरीसृपों तक को प्रभावित कर सकता है, जिनका आस्तित्व खतरे में माना जाता है।

सबसे बड़ा जोखिम दक्षिण अमेरिका, मध्य अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में है। बेनिन, बोलीविया और मंगोलिया में चीन के नीति बैंक जिन परियोजनाओं का वित्तपोषण कर रहे हैं, वे सभी मौजूदा संरक्षित क्षेत्रों या संभावित महत्वपूर्ण आवासों से गुजरती हैं। इथियोपिया, लाओस और अर्जेंटीना में 65 फीसदी से अधिक चीनी विकास परियोजनाएं वहां के मूल निवासियों के क्षेत्रों के भीतर स्थित है।

1980 के दशक से चीन की तीव्र आर्थिक वृद्धि ने इसे दुनिया के शीर्ष प्रदूषकों में से एक बना दिया है। अब इसके नेता अपने देश के पर्यावरण प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। चीन ने संरक्षित क्षेत्रों की एक राष्ट्रीय प्रणाली बनाई है और 2060 तक अपनी घरेलू अर्थव्यवस्था को कार्बन-तटस्थ बनाने का संकल्प लिया है। लेकिन उसने अपने विदेशी ऋण में ऐसा कोई सुधार नहीं किया है।

विदेशी धरती पर चीनी परियोजनाओं की हमारी सूची के साथ 2008-2019 तक विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं की तुलना करने पर हमने पाया कि चीन की औसतन परियोजनाएं, मुख्य रूप से ऊर्जा क्षेत्र में, प्रकृति और स्वदेशी भूमि के लिए काफी अधिक जोखिम पैदा करती हैं।

वहीं, विश्व बैंक ने भी उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए अच्छा-खासा ऋण दिया है। विशेष रूप से, इस अवधि के दौरान उसने जिन सड़कों, रेलवे और अन्य परिवहन परियोजनाओं को वित्तपोषित किया, वे जैव विविधता के लिए उतना ही जोखिम पैदा करने वाली हैं जितना कि चीन द्वारा वित्तपोषित इन्हीं के समान परियोजनाएं करती हैं।

उदाहरण के लिए, 2016 में विश्व बैंक ने कांगो गणराज्य में एक प्रमुख सड़क परियोजना को वित्तपोषित किया, जिसमें मूल निवासी लोगों के क्षेत्र शामिल थे। इससे उन्हें संपत्ति और आजीविका का नुकसान तो हुआ ही, हिंसा भी हुई। एक औपचारिक आंतरिक जांच में पाया गया कि ‘गंभीर नुकसान’ हुआ था और विश्व बैंक को भविष्य में परियोजनाओं के साथ अधिक सावधानी बरतने का निर्देश दिया।

चीन के पास बेल्ट एंड रोड पहल के साथ दुनिया भर में बुनियादी ढांचे के नेटवर्क को इस तरह से सुधारने का अवसर है जो टिकाऊ और समावेशी दोनों हो। उसने हाल में विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें चीनी निवेशकों से मेजबान देश के पर्यावरण मानकों का सम्मान करने का आग्रह किया गया।

(द कन्वरसेशन) मानसी पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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