‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने गाजा में तत्काल युद्ध-विराम का आह्वान किया |

‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने गाजा में तत्काल युद्ध-विराम का आह्वान किया

‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने गाजा में तत्काल युद्ध-विराम का आह्वान किया

:   Modified Date:  December 4, 2023 / 05:30 PM IST, Published Date : December 4, 2023/5:30 pm IST

न्यूयॉर्क, चार दिसंबर (भाषा) वैश्विक चिकित्सा मानवतावादी संगठन ‘मेडिसिंस सैन्स फ्रंटियर्स’ (एमएसएफ) ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से गाजा पट्टी में तत्काल और निरंतर युद्ध-विराम सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया।

यूएनएससी को एक खुले पत्र में एमएसएफ, जिसे ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के नाम से भी जाना जाता है, के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष क्रिस्टोस क्रिस्टो ने कहा कि हफ्तों की लगातार हिंसा के बाद सात दिवसीय युद्ध-विराम गाजा के लोगों के लिए एक स्वागत योग्य राहत था।

संगठन ने कहा कि और अधिक लोगों की हत्या को रोकने और अत्यंत आवश्यक मानवीय सहायता की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर यही एकमात्र तरीका है।

सात अक्टूबर को फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास द्वारा सीमा पार हमले के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर लगातार हवाई और जमीनी हमले किए। 24 नवंबर को इजराइल-हमास युद्ध-विराम शुरू हुआ और एक दिसंबर को समाप्त होने से पहले इसे दो बार बढ़ाया गया था।

हालांकि, राहत कर्मियों ने कहा कि ये सात दिन विभिन्न जरूरतों को पूरा करने और आवश्यक आपूर्ति के वितरण को व्यवस्थित करने के लिए पर्याप्त नहीं थे। चार दिसंबर को जारी यह पत्र गाजा की वर्तमान स्थिति को दर्शाता है और युद्धग्रस्त क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के चरमराने की ओर ध्यान आकर्षित करता है।

क्रिस्टो ने गाजा में तत्काल युद्ध-विराम की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि वेस्ट बैंक में एमएसएफ की मेडिकल टीम ने स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों पर भी हमलों की सूचना दी है और चार एमएसएफ कर्मचारी मारे गए हैं, जबकि कई ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है, तथा कई घायल हो गए हैं।

क्रिस्टो ने यूएनएससी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं एमएसएफ की ओर से आपको गाजा पट्टी में तत्काल और निरंतर युद्ध-विराम सुनिश्चित करने के लिए अपने दायरे के भीतर सब कुछ करने का आग्रह करने के लिए लिख रहा हूं।’’

उन्होंने कहा कि इजराइल ने गाजा की चिकित्सा सुविधाओं की सुरक्षा को कोई महत्व नहीं दिया है और अस्पतालों को मुर्दाघर तथा खंडहरों में बदल दिया गया है।

एमएसएफ ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर 181 हमलों का दस्तावेजीकरण किया है, जिसके अनुसार ड्यूटी पर तैनात 22 स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हुई है और 59 अन्य घायल हुए हैं।

एपी आशीष नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)