‘‘भारत-पाकिस्तान सीमा के पास यात्रा ना करें’’: अमेरिका का अपने नागरिकों को परामर्श |

‘‘भारत-पाकिस्तान सीमा के पास यात्रा ना करें’’: अमेरिका का अपने नागरिकों को परामर्श

‘‘भारत-पाकिस्तान सीमा के पास यात्रा ना करें’’: अमेरिका का अपने नागरिकों को परामर्श

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:45 PM IST, Published Date : November 16, 2021/1:29 pm IST

(ललित के. झा)

वाशिंगटन, 16 नवंबर (भाषा) अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के लिए दूसरे तथा तीसरे स्तर का यात्रा परामर्श जारी करते हुए, आतंकवाद तथा सांप्रदायिक हिंसा का हवाला दते हुए अमेरिकी नागरिकों से पाकिस्तान की यात्रा करने पर पुनर्विचार करने और अपराध तथा आतंकवाद का हवाला देते हुए भारत जाने वालों से सावधानी बरतने को कहा है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को भारत के लिए एक परामर्श जारी करते हुए अमेरिकी नागरिकों से आतंकवादी खतरों तथा नागरिक असंतोष के चलते जम्मू-कश्मीर और सशस्त्र संघर्ष की आशंका के कारण भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में यात्रा ना करने का आग्रह किया है।

परामर्श में कहा गया, ‘‘ भारतीय अधिकारियों ने बताया कि बलात्कार, भारत में सबसे तेजी से बढ़ते अपराधों में से एक है। यौन उत्पीड़न जैसे, हिंसक अपराध भी पर्यटन स्थलों तथा अन्य स्थानों पर सामने आए हैं।’’

उसमें कहा गया कि आतंकवादी मामूली या बिना किसी चेतावनी के पर्यटन स्थलों, परिवहन अड्डों, बाजार/मॉल और सरकारी संस्थानों पर हमला कर सकते हैं।

परामर्श में कहा गया कि अमेरिका सरकार के पास पश्चिम बंगाल के पश्चिमी हिस्से, पूर्वी महाराष्ट्र और उत्तरी तेलंगाना के ग्रामीण क्षेत्रों में अमेरिकी नागरिकों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने की सीमित क्षमता है क्योंकि अमेरिकी सरकार के कर्मचारियों को इन क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती है।

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के लिए जारी परामर्श में अमेरिकी नागरिकों से आतंकवादी हमलों तथा अपहरण के खतरे का हवाला देते हुए बलूचिस्तान प्रांत और खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) प्रांत की यात्रा ना करने का आग्रह किया, जिसमें पूर्व संघ प्रशासित कबायली क्षेत्र (एफएटीए) भी शामिल है। साथ ही, सशस्त्र संघर्ष की आशंका के चलते नियंत्रण रेखा के आसपास के इलाकों में ना जाने को भी कहा है।

परामर्श में कहा गया, ‘‘ आतंकवादी संगठन अब भी पाकिस्तान में हमलों की योजना बना रहे हैं। आतंकवाद के स्थानीय इतिहास और चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंसा की वैचारिक आकांक्षाओं के कारण असैन्यों के साथ-साथ स्थानीय सैन्य तथा पुलिस लक्ष्यों पर भी अंधाधुंध हमले किए गए हैं। आतंकवादी मामूली या बिना किसी चेतावनी के परिवहन अड्डों, बाजार, मॉल, सैन्य संस्थानों, स्कूल, अस्पतालों, हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों, पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थलों और सरकारी संस्थानों पर हमला कर सकते हैं।’’

पाकिस्तान के लिए जारी परामर्श में कहा गया कि आतंकवादियों ने अतीत में अमेरिकी राजनयिक और राजनयिक संस्थानों को भी निशाना बनाया है।

परामर्श में कहा गया कि 2014 के बाद से पाकिस्तान के सुरक्षा माहौल में सुधार हुआ है, जब से पाकिस्तानी सुरक्षा बल आतंकवाद रोधी अभियान चला रहे हैं। प्रमुख शहरों, खासकर इस्लामाबाद में अधिक सुरक्षा संसाधन तथा बुनियादी ढांचे हैं और इन क्षेत्रों में सुरक्षा बल देश के अन्य क्षेत्रों की तुलना में किसी आपात स्थिति का अधिक आसानी से जवाब देने में सक्षम हो सकते हैं। खतरा अब भी कायम है, जबकि इस्लामाबाद में आतंकवादी हमले दुर्लभ होते हैं।

उसमें कहा गया कि सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर अमेरिकी सरकार के पास पाकिस्तान में अमेरिकी नागरिकों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने की सीमित क्षमता है।

भाषा निहारिका शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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