कोलंबो, 17 जून (एपी) श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के तट के पास बृहस्पतिवार को वह मालवाहक जहाज डूब गया जिसमें करीब एक महीने पहले आग लगी थी। जहाज पर रसायन लदा था और इसके डूबने के साथ ही पर्यावरणीय आपदा की आशंका पैदा हो गयी है।
जहाज के संचालक ने कहा कि सिंगापुर के ध्वज वाले एक्स-प्रेस पर्ल का मलबा अब पूरी तरह समुद्र में 21 मीटर की गहराई में तलहटी पर बैठ गया है। एक्स-प्रेस फीडर्स ने कहा कि किसी तरह के मलबे और तेल बिखरने की स्थिति से निपटने के लिए एक बचाव दल घटनास्थल पर मौजूद है।
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श्रीलंका के समुद्री पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण की प्रमुख दर्शिनी लहन्दापुरा ने भी जहाज के डूबने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि समुद्र के अशांत होने के चलते फिलहाल जहाज के मलबे को हटाना असुरक्षित है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। समुद्र के अशांत होने के चलते अभी हम कुछ भी नहीं कर सकते।’’ मानसून का मौसम पिछले महीने शुरू हुआ था और यह आमतौर पर सितम्बर में समाप्त होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘तब तक के लिए जहाज के मालिक ने एक कार्यवाहक कंपनी नियुक्त की है। पूरे क्षेत्र की देखभाल कार्यवाहक कंपनी द्वारा की जाएगी जब तक कि मालिक मलबे को हटाने वाली कंपनी की नियुक्ति नहीं करता।’’ जहाज में आग 20 मई को लगी थी, जब यह जहाज कोलंबो के उत्तर-पश्चिम में लगभग 9.5 समुद्री मील (18 किलोमीटर) की दूरी पर लंगर डाले हुए था और बंदरगाह में प्रवेश करने की प्रतीक्षा कर रहा था।
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श्रीलंकाई नौसेना का मानना है कि जहाज में रखे रसायनों के कारण आग लगी जिनमें 25 टन नाइट्रिक एसिड और अन्य रसायन शामिल थे। इस आग में अधिकतर रसायन जल गया था लेकिन ऐसी आशंका हैं कि जहाज पर बचे रसायनों और तेल के बिखरने से समुद्री जनजीवन को नुकसान पहुंच सकता है। प्राधिकारियों ने पिछले हफ्ते आग बुझा दी थी लेकिन जहाज डूबना शुरू हो गया था। जहाज बृहस्पतिवार तक आंशिक तौर पर डूबा रहा।
सरकार ने संयुक्त राष्ट्र और कुछ अन्य देशों से समुद्री पर्यावरण और तटीय इलाकों को हुए नुकसान का आकलन करने में मदद मांगी है। श्रीलंका ने एक्स-प्रेस फीडर्स को चार करोड़ डॉलर का हर्जाना देने को कहा है।
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