कनाडा में मिले जीवाश्मों से पता चल सकती है डायनासोर के विकास के बारे में नयी जानकारी |

कनाडा में मिले जीवाश्मों से पता चल सकती है डायनासोर के विकास के बारे में नयी जानकारी

कनाडा में मिले जीवाश्मों से पता चल सकती है डायनासोर के विकास के बारे में नयी जानकारी

:   Modified Date:  February 4, 2023 / 05:42 PM IST, Published Date : February 4, 2023/5:42 pm IST

(कॉर्विन सूलीवन, अलबर्टा विश्वविद्यालय)

एडमंटन (कनाडा), चार फरवरी (द कन्वरसेशन) कनाडा का अलबर्टा प्रांत 1880 के दशक से ही देश में डायनासोर की खोजों के लिए प्रमुख स्थान रहा है, जब कनाडा के कई भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण अभियानों के दौरान प्रांत के दक्षिणी हिस्से से डायनासोर की हड्डियां बरामद की गयी थीं।

डायनासोर की हड्डियों के सबसे महत्वपूर्ण नमूने रेड डियर नदी के किनारे की अनुर्वर भूमि से बरामद किए गए हैं, जिसमें अत्यधिक उत्पादक वाले क्षेत्र भी शामिल हैं जिन्हें अब उपयुक्त रूप से डायनासोर प्रांतीय पार्क कहा जाता है।

रेड डियर नदी के किनारे की अनुर्वर भूमि से हर साल डायनासोर की हड्डियों के सबसे रोचक नमूने एकत्र किए जाते हैं, लेकिन अब तक उत्तरी अलबर्टा को पैलियोन्टोलॉजिकल दृष्टिकोण से बहुत कम ही व्यापक रूप से खोजा गया है। हालांकि, हाल के दशकों में डायनासोर और अन्य जीवाश्मों के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में ‘वापिती संरचना’ नामक लेट क्रेटेशियस अवधि की भूवैज्ञानिक इकाई सामने आई है।

कशेरुकियों की खोज————-

पिछले साल, मैंने बोलोग्ना विश्वविद्यालय के फेडेरिको फन्टी के नेतृत्व में एक अध्ययन का सह-लेखन किया था, जिसमें वापिती संरचना के जीवाश्म-समृद्ध मध्य भाग से कशेरुकियों का अध्ययन शामिल था, जिसे वापिती इकाई-3 कहा जाता है।

दुर्भाग्य से, ग्रांडे प्रेयरी क्षेत्र, जहां वापिती संरचना के पुरापाषाणकालीन रूप से सबसे समृद्ध ज्ञात स्रोत स्थित हैं, जीवाश्मों की तलाश के लिए सबसे सुगम जगह नहीं है।

शुष्क दक्षिणी अनुर्वर भूमि क्षेत्रों में, वनस्पति की विरलता नंगे, अपक्षयित चट्टान के व्यापक क्षेत्रों को छोड़ देती है जिसे अपेक्षाकृत जल्दी और आसानी से नमूनों के लिए खोजा जा सकता है।

दूसरी तरफ, ग्रांडे प्रेयरी क्षेत्र अलबर्टा के घने जंगल वाले हिस्से में है, जहां रॉक स्रोत ज्यादातर जलमार्गों के किनारे तक सीमित है।

कभी-कभी हम नावों का उपयोग करते हैं, लेकिन वापिती संरचना में जीवाश्मों की खोज में अक्सर नदी के किनारों के साथ-साथ चलना पड़ता है, चट्टान के छोटे, खड़ी पैच की खोज करना होता है। भूवैज्ञानिक इसे ‘आउटक्रॉप’ कहते हैं- जिसका अर्थ होता है कीमती हड्डियों और दांतों की खोज

डायनासोर का क्रमिक विकास————

मेरे सहयोगियों और मुझे हमारे ‘वापिती कार्यक्षेत्र’ को आगे बढ़ाने के लिए दो सम्मोहक कारण दिखाई देते हैं। सबसे पहले, ग्रैंड प्रेयरी अब डायनासोर प्रांतीय पार्क के लगभग 4.5 डिग्री उत्तर में है, और लेट क्रेटेशियस में अक्षांश में अंतर समान रहा होगा।

यह संभव है कि लेट क्रेटेशियस के दौरान, ग्रैंड प्रेयरी क्षेत्र एक उत्तरी पारिस्थितिक समुदाय का घर था जो दक्षिणी अलबर्टा के अन्य हिस्सों में मौजूद जीवों से रचना में भिन्न था।

दूसरा, वापिती संरचना भूवैज्ञानिक समय के एक छोटे लेकिन दिलचस्प अंतराल के दौरान डायनासोर के विकास के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है।

क्रेटेशियस के दौरान, समुद्र का स्तर इतना ऊंचा था कि समुद्र का पानी उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप के मध्य भाग में फैल गया, जिससे पश्चिमी आंतरिक समुद्री मार्ग का निर्माण हुआ, जिसने लारमिडिया के पश्चिमी भूमि द्रव्यमान को एपलाचिया के पूर्वी भूमि द्रव्यमान से विभाजित किया।

अब जो अलबर्टा है वह कमोबेश लारमिडिया के पूर्वी तट पर था।

बेयरपाव गैप————-

लगभग 12 लाख वर्ष की अवधि थी जब समुद्र का स्तर इतना अधिक था कि दक्षिणी अलबर्टा का अधिकांश भाग पश्चिमी आंतरिक समुद्री मार्ग द्वारा कवर किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप समुद्री चट्टानों का जमाव हुआ, जिसे बेयरपाव संरचना के रूप में जाना जाता है।

द कन्वरसेशन रवि कांत माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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