भारत ने जी20 एफएमएम बैठक में कहा : भूराजनीतिक मुद्दों का रचनात्मक समाधान तलाशें |

भारत ने जी20 एफएमएम बैठक में कहा : भूराजनीतिक मुद्दों का रचनात्मक समाधान तलाशें

भारत ने जी20 एफएमएम बैठक में कहा : भूराजनीतिक मुद्दों का रचनात्मक समाधान तलाशें

:   Modified Date:  February 22, 2024 / 04:51 PM IST, Published Date : February 22, 2024/4:51 pm IST

रियो द जिनेरियो(ब्राजील), 22 फरवरी (भाषा) पूरी दुनिया में विभिन्न संघर्ष की पृष्ठभूमि में भारत ने ब्राजील की मेजबानी में आयोजित जी20 मंत्री स्तरीय बैठक में भू राजनीतिक समस्याओं के रचनात्मक समाधान निकालने और समान आधार तलाशने पर जोर दिया है।

ब्राजील ने एक दिसंबर 2023 को भारत से जी20 की अध्यक्षता प्राप्त की थी। ब्राजील की अध्यक्षता में बुधवार को जी20 विदेश मंत्रियों (एफएमएम) की बैठक यहां आयोजित की गई जो लातिन अमेरिकी देश की अध्यक्षता में संगठन की पहली मंत्री स्तरीय बैठक है।

विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने ‘‘चल रहे अंतरराष्ट्रीय तनाव से निपटने में जी20 की भूमिका’’ शीर्षक से आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए विभिन्न बिंदुओं का उल्लेख किया और उनपर भारत के रुख की वकालत की।

एफएमएम में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए मुरलीधरन ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के मामले में भारत ने समाधान के लिए‘‘संवाद और कूटनीतिक प्रयासों को तत्काल शुरू करने का आह्वान किया जबकि इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के मामले में भारत दो राष्ट्र के समाधान पर विश्वास करता है।

उन्होंने जोर दिया कि भारत आतंकवाद के किसी भी स्वरूप की निंदा करता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पश्चिम एशिया के संघर्ष का विस्तार नहीं होने देना चाहिए।’’

लाल सागर में समुद्री जहाजों पर हमलों का जिक्र करते हुए विदेश राज्यमंत्री ने तट से दूर समुद्रों में अत्यधिक सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया और यह भी कहा कि समुद्री के रास्ते गए संचार केबल की सुरक्षा ‘महत्वपूर्ण है।’

मुरलीधरन ने ‘‘भूराजनीतिक मुद्दों को रचनात्मक समाधान तलाशने के लिए समान आधार बनाने पर जोर दिया।’’

भारत के रुख को दोहराते हुए उन्होंने विदेश मंत्रियों की बैठक को यह भी याद दिलाया कि एक आर्थिक मंच के रूप में जी20 को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

उन्होंने ब्राजील की अध्यक्षता के दौरान भारत के ‘दृढ़ समर्थन’ की घोषणा की और कहा, एफएमएम का विषय ‘न्यायपूर्ण विश्व का निर्माण एवं सतत ग्रह ’ भारत के आह्वान ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ से साथ मेल खाता है।

भाषा धीरज माधव

माधव

 

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