अवैध रूप से पाकिस्तान में दाखिल हुई भारतीय महिला और उसके बेटे को बीएसएफ को सौंपा गया |

अवैध रूप से पाकिस्तान में दाखिल हुई भारतीय महिला और उसके बेटे को बीएसएफ को सौंपा गया

अवैध रूप से पाकिस्तान में दाखिल हुई भारतीय महिला और उसके बेटे को बीएसएफ को सौंपा गया

Edited By :  
Modified Date: May 30, 2024 / 10:14 PM IST
,
Published Date: May 30, 2024 10:14 pm IST

लाहौर, 30 मई (भाषा) पिछले साल अवैध रूप से पाकिस्तान में दाखिल होने के मामले में सजा पूरी होने के बाद, मानव तस्करी की शिकार भारतीय महिला और उसके नाबालिग बेटे को वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ के हवाले कर दिया गया है। पाकिस्तान के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

वहीदा बेगम और उसके नाबालिग बेटे फैज खान को जेल की अवधि पूरी होने के बाद बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा की जेल से रिहा किया गया और बुधवार को वाघा सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंपा गया।

संघीय सरकार के अधिकारियों के अनुसार, असम के नगांव जिले की निवासी वहीदा को उसके बेटे के साथ पिछले वर्ष चमन सीमा के रास्ते अफगानिस्तान से अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश करते समय गिरफ्तार किया गया था।

वहीदा ने यहां अधिकारियों को बताया कि उसे एक भारतीय ट्रैवल एजेंट ने धोखा दिया था, जिसके कारण वह पाकिस्तान पहुंच गयी।

उन्होंने पाकिस्तान में पुलिस को दिए अपने बयान में कहा, ‘वर्ष 2022 में मेरे पति की मृत्यु के बाद, मैंने अपने बेटे को कनाडा ले जाने का फैसला किया। इसलिए, मैंने अपनी संपत्ति बेच दी और एक भारतीय एजेंट को मोटी रकम का भुगतान किया।’

उन्होंने बताया कि एजेंट पिछले वर्ष उनके साथ दुबई और वहां से अफगानिस्तान गया था।

बयान में कहा गया है कि उसने मां और बेटे को अफगानिस्तान से कनाडा ले जाने का वादा किया था।

महिला ने कहा, ‘हालांकि, अफगानिस्तान में उसने मेरे सारे पैसे और पासपोर्ट छीन लिए और भाग गया।’

वहीदा ने कहा कि अपने वतन (भारत) पहुंचने के लिए वह और उसका बेटा चमन सीमा के रास्ते पाकिस्तान में प्रवेश कर गए, जहां उन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों ने (विदेशी अधिनियम के तहत) गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने कहा, ‘बाद में हमें राजनयिक पहुंच प्रदान की गई और हमारी नागरिकता की पुष्टि की प्रक्रिया में कई महीने लग गए।’

महिला ने कहा कि उसके पाकिस्तानी वकील ने भारत में उसकी मां को इस दुखद घटना के बारे में बताया।

बताया जा रहा है कि भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने इस्लामाबाद में गृह मंत्रालय के समक्ष महिला का मामला उठाया।

आखिरकार बुधवार को वहीदा और उसके बेटे को उनकी सजा पूरी होने पर रिहा कर दिया गया और वाघा सीमा पर बीएसएफ को सौंप दिया गया।

इनके अलावा दो अन्य भारतीय नागरिकों शब्बीर अहमद और सूरज पाल को भी बुधवार को बीएसएफ को सौंप दिया गया। अहमद को कराची की मलीर जेल से रिहा किया गया, जबकि पाल को लाहौर की कोट लखपत जेल में सजा पूरी होने के बाद रिहा किया गया।

भाषा

जोहेब सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)