ओमीक्रोन के संक्रमण से कमजोर प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है: अध्ययन |

ओमीक्रोन के संक्रमण से कमजोर प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है: अध्ययन

ओमीक्रोन के संक्रमण से कमजोर प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है: अध्ययन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : May 19, 2022/6:09 pm IST

लॉस एंजिलिस, 19 मई (भाषा) कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण से कोविड का टीका नहीं लगवाने वाले लोगों में अन्य स्वरूपों के खिलाफ बहुत कम दीर्घकालिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। जर्नल ‘नेचर’ में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।

अमेरिका में ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को के अनुसंधानकर्ताओं ने चूहों और ओमीक्रोन संक्रमित लोगों के रक्त के नमूनों का उपयोग करके एक प्रयोग में पता लगाया कि ओमीक्रोन स्वरूप केवल कमजोर प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है।

वहीं, टीका लगवा चुके लोगों में भी कमजोर प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई, लेकिन उनमें कोविड-19 के अनेक स्वरूपों के खिलाफ संपूर्ण सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिली।

हालांकि पूर्व में टीका नहीं लगवा चुके लोगों में प्रतिरोधक क्षमता अन्य स्वरूपों के खिलाफ मजबूत सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही।

ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की निदेशक और अध्ययन में शामिल मेलानी ओट ने कहा कि ओमीक्रोन से संक्रमित टीका नहीं लगवाने वाले व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता टीके की एक खुराक ले चुके व्यक्ति के बराबर हो सकती है।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘यह कोविड-19 के खिलाफ थोड़ी सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन यह बहुत व्यापक नहीं है।’’

भाषा वैभव दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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