यरूशलम, सात मई (एपी) ईरान और संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी अब भी इस बारे में बातचीत कर रहे हैं कि तेहरान के तेजी से आगे बढ़ते परमाणु कार्यक्रम के निरीक्षण को विस्तारित करने से जुड़े समझौते को कैसे लागू किया जाए। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
यह समझौता पिछले साल हुआ था। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी का यह बयान इस बात को प्रदर्शित करता है कि उनके निरीक्षक विश्व के शक्तिशाली देशों के साथ तेहरान के परमाणु करार के नाकाम होने के कुछ वर्षों बाद और मौजूदा इजराइल-हमास युद्ध को लेकर पश्चिम एशिया में व्याप्त व्यापक तनाव के बीच किन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
ग्रॉसी ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान परमाणु बम बनाना चाहे तो उसके पास संवद्धित यूरेनियम के पर्याप्त भंडार हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि एजेंसी इस बात की गारंटी नहीं दे सकती कि गुप्त रूप से संवर्द्धन के लिए ईरान के एक भी ‘सेंट्रीफ्यूज’ को दूसरी जगह नहीं ले जाया जा सकता।
ग्रॉसी इस्फाहान शहर में, ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी के साथ संवाददाता सम्मेलन कर रहे थे। इन दोनों ने कहा कि यात्रा के दौरान तत्काल कोई नया समझौता नहीं होगा। उन्होंने आईएईए और ईरान के बीच सहयोग के सबंध में मार्च 2023 के एक संयुक्त बयान का उल्लेख किया।
वर्ष 2023 के उस बयान में ईरान का यह संकल्प भी शामिल था कि वह यूरेनियम संवर्द्धन स्थलों से जुड़े मुद्दों का हल करेगा, जहां निरीक्षकों ने संभावित अघोषित परमाणु गतिविधि को लेकर सवाल उठाये थे।
ईरान और आईएईए के बीच 2018 में तनाव बढ़ गया, जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व के शक्तिशाली देशों के साथ तेहरान के परमाणु करार से एकपक्षीय तरीके से अपने देश को बाहर कर लिया था। उसके बाद से ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए यूरेनियम संवर्द्धन की 60 प्रतिशत शुद्धता हासिल की है जो परमाणु आयुध बनाने के 90 प्रतिशत के स्तर के करीब है।
एपी सुभाष अविनाश
अविनाश
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