ईरान के सर्वोच्च नेता की अगुवाई में राष्ट्रपति रईसी, अन्य के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया प्रांरभ |

ईरान के सर्वोच्च नेता की अगुवाई में राष्ट्रपति रईसी, अन्य के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया प्रांरभ

ईरान के सर्वोच्च नेता की अगुवाई में राष्ट्रपति रईसी, अन्य के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया प्रांरभ

:   Modified Date:  May 22, 2024 / 12:22 PM IST, Published Date : May 22, 2024/12:22 pm IST

दुबई, 22 मई (एपी) ईरान में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए देश के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन और अन्य अधिकारियों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई की अगुवाई में बुधवार को प्रारंभ हुई।

तेहरान विश्वविद्यालय में मृतकों के ताबूत रखें गए। ये ताबूत ईरानी ध्वज में लिपटे हुए हैं और ताबूतों पर नेताओं की तस्वीरें लगायी गयी हैं। दिवंगत राष्ट्रपति रईसी के ताबूत पर एक काली पगड़ी रखी गई जो उनके इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद का वंशज होने का संकेत है।

इस सभा में ईरान के अर्द्धसैन्य बल रेवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष नेता भी शामिल हुए। साथ ही हमास का इस्माइल हानियेह भी शामिल हुआ।

ईरान गाजा पट्टी में जारी इजराइल-हमास युद्ध के दौरान इस आतंकवादी समूह का समर्थन कर रहा है और उसे हथियार मुहैया करा रहा है।

अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू करने से पहले भीड़ का नेतृत्व कर रहे एक अधिकारी ने नारा लगाया, ‘‘इजराइल की मौत।’’

हानियेह ने भीड़ में एकत्रित लोगों से कहा, ‘‘मैं हमारी संवेदनाएं व्यक्त करने के लिए फलस्तीनी लोगों, गाजा के प्रतिरोधी गुटों की ओर से आया हूं।’’

रईसी के अंतिम संस्कार में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुतक्की समेत तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल के शामिल होने की संभावना है।

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए आठ लोगों के पार्थिव शरीर को तेहरान के पुराने इलाके से होते हुए आजादी या ‘फ्रीडम’ चौक तक ले जाया जाएगा जहां राष्ट्रपति रईसी ने भाषण दिए थे।

ईरान की धर्म अधारित शासन व्यवस्था ने लोगों को सार्वजनिक शोक सत्र में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए पांच दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है। आमतौर पर, सरकारी कर्मचारी और स्कूली बच्चे ऐसे आयोजनों में सामूहिक रूप से भाग लेते हैं।

ईरान में शिया धर्म आधारित शासन में विशाल प्रदर्शन हमेशा से अहम रहे हैं। यहां तक कि 1979 की इस्लामिक क्रांति के दौरान भी तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह रुहुल्लाह खुमैनी के स्वागत में लाखों लोग राजधानी तेहरान की सड़कों पर उतर आए थे।

एपी गोला शोभना

शोभना

शोभना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)