लापता कश्मीरी शायर के पीओके में पुलिस हिरासत में होने का पता चला |

लापता कश्मीरी शायर के पीओके में पुलिस हिरासत में होने का पता चला

लापता कश्मीरी शायर के पीओके में पुलिस हिरासत में होने का पता चला

:   Modified Date:  May 29, 2024 / 08:48 PM IST, Published Date : May 29, 2024/8:48 pm IST

इस्लामाबाद, 29 मई (भाषा) इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बुधवार को बताया गया कि रावलपिंडी से लापता होने के दो सप्ताह बाद एक कश्मीरी शायर के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पुलिस हिरासत में होने की जानकारी मिली है।

अहमद फरहाद की पत्नी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर दावा किया था कि उनका घर से अपहरण कर लिया गया है।

पुलिस या किसी खुफिया एजेंसी ने जब उन्हें अपनी हिरासत में नहीं होने का दावा किया तो मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी ने 24 मई को आदेश पृष्ठ का लिखित आदेश पारित कर कानून मंत्री आजम तरार, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई), मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) के सेक्टर कमांडरों, गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के निदेशक और रक्षा व गृह सचिव को 29 मई को अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया।

बुधवार को खुफिया एजेंसियों के अधिकारी पेश नहीं हुए लेकिन अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान ने अदालत को बताया कि फरहाद फिलहाल कश्मीर पुलिस की हिरासत में हैं।

अवान ने पीओके के धीरकोट थाने की एक रिपोर्ट भी पेश की, जहां उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

इस्लामाबाद पुलिस के प्रमुख ने अदालत को बताया कि चूंकि शायर कश्मीर पुलिस की हिरासत में है, इसलिए यह क्षेत्र इस्लामाबाद पुलिस के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति कयानी ने अटॉर्नी जनरल को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि “इस्लामाबाद से किसी को भी नहीं उठाया जाए।”

न्यायाधीश ने कहा, ‘यदि कोई व्यक्ति बरामद नहीं होता है, तो यह राज्य की विफलता होगी।’

न्यायालय के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कानून मंत्री तरार ने कहा कि पुलिस कश्मीरी शायर के मामले की जांच कर रही है।

उन्होंने अदालत में अपनी मौजूदगी के बारे में बताते हुए कहा, ‘अहमद फरहाद पीओके में हैं, मैंने न्यायिक सहायक के तौर पर संवैधानिक मामलों में सहायता की है।’

अपनी मुखर शायरी के लिए मशहूर फरहाद का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था और शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों को समन जारी किए जाने से पहले तक अदालत को उनके ठिकाने के बारे में नहीं बताया गया।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

 

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