शोक संतप्त लोगों ने थाई मंदिर में प्रार्थना सभा की |

शोक संतप्त लोगों ने थाई मंदिर में प्रार्थना सभा की

शोक संतप्त लोगों ने थाई मंदिर में प्रार्थना सभा की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : October 8, 2022/9:03 pm IST

उथाई सावन, आठ अक्टूबर (एपी) उत्तर-पूर्वी थाईलैंड के एक ‘डे केयर सेंटर’ में पिछले दिनों मारे गये बच्चों के शोक संतप्त परिजनों ने बौद्ध मंदिर में प्रार्थना सभा की, जहां मृत बच्चों के शव पर दानधर्म की चीजें और फूलों के गुलदस्ते रखे गये थे।

इस घटना में मारे गये 36 व्यक्तियों में से 24 बच्चे थे और उनमें से भी ज्यादातर प्री-स्कूल वाले थे। इन बच्चों के ताबूत शुक्रवार को सौंप दिये गये और इन्हें थाईलैंड के सबसे गरीब क्षेत्रों में स्थित वाट रैट समकी और दो अन्य मंदिरों के अंदर रखे गए।

कई शोक संतप्त लोग मृतकों के ताबूत के साथ कुछ समय तक रहने की परम्परा के अंतर्गत रात भर वाट रैट समकी में ही रुके रहे।

नरसंहार ने इस छोटे शहर में किसी को भी अछूता नहीं छोड़ा, लेकिन सामुदायिक अधिकारियों ने पाया कि दूसरों की मदद करने से उनके अपने दुख कम करने में मदद मिल रही थी, भले ही क्षण भर के लिए ही क्यों न हो।

शाही प्रायोजित अंतिम संस्कार से पहले तीन दिनों तक शोक समारोह जारी रहेगा, जिसका समापन बौद्ध परंपरा के अनुसार शवों के दाह संस्कार के साथ होगा।

थाईलैंड की सबसे घातक सामूहिक हत्या के लिए कोई स्पष्ट मकसद अब कभी भी ज्ञात नहीं हो सकता है, क्योंकि अपराधी ने बृहस्पतिवार को ‘डे केयर सेंटर’ छोड़ने के बाद अपनी पत्नी और बेटे को घर पर ही मार डाला तथा अपनी जान भी ले ली।

पुलिस ने हमलावर की पहचान 34-वर्षीय पन्या कामराप के रूप में की है, जिसे इस साल की शुरुआत में मेथम्फेटामाइन वाले मादक पदार्थों के आरोप में पुलिस सर्जेण्ट की नौकरी से बाहर कर दिया गया था।

पुलिस ने कहा है कि उनका मानना ​​है कि पैसे की समस्या से जूझ रहे पन्या और उसकी पत्नी के बीच हमेशा तनाव व्याप्त रहता था।

थाई मीडिया ने बताया कि उथाई थानी में बौद्ध मंदिरों द्वारा उनके अंतिम संस्कार की मेजबानी करने से इनकार करने के बाद पड़ोसी प्रांत उडोन थानी में शनिवार को पन्या का अंतिम संस्कार किया गया।

थाईलैंड की पिछली सबसे बड़ी सामूहिक हत्या में एक असंतुष्ट सैनिक शामिल था, जिसने 2020 में उत्तरपूर्वी शहर नखोन रत्चासिमा के एक मॉल में और उसके आसपास गोलियां चलाईं, जिसमें 29 लोग मारे गए थे और सुरक्षा बलों द्वारा मौत के घाट उतारे जाने से पहले उसने लगभग 16 घंटे तक पुलिस बल को रोके रखा था।

नागरिकों पर इससे पहले सबसे बुरा हमला 2015 में बैंकॉक के एक धर्मस्थल पर बम विस्फोट था, जिसमें 20 लोग मारे गए थे। यह कथित तौर पर मानव तस्करों द्वारा उनके नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई के प्रतिशोध में किया गया था।

एपी सुरेश माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)