काठमांडू, 14 अगस्त (भाषा) नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद में पारित होने के एक महीने बाद देश का पहला नागरिकता संशोधन विधेयक पुनर्विचार के लिए प्रतिनिधि सभा को रविवार को लौटा दिया।
राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता सागर आचार्य ने कहा कि चूंकि सदन में विधेयक की समीक्षा करना आवश्यक समझा गया है, इसलिए उसे वापस भेज दिया गया है।
प्रतिनिधि सभा और नेशनल असेंबली द्वारा पारित किये जाने के बाद विधेयक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया था।
इस विधेयक के जरिये नेपाल नागरिकता अधिनियम 2063बीएस को संशोधित किया गया था। इसे लेकर विवाद शुरू हो गया था और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) ने इसके कुछ प्रावधानों को लेकर आपत्तियां दर्ज कराई थी। विधेयक के विवादित प्रावधानों में से एक प्रावधान यह भी है कि नेपाली नागरिक से शादी करने वाली विदेशी महिलाओं को तत्काल नागरिकता प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
नेपाल की संसद ने 14 जुलाई को विधेयक पारित किया था। यह विधेयक दो साल से अधिक समय से विचाराधीन था, क्योंकि राजनीतिक दल इस पर आम सहमति बना पाने में विफल रहे थे।
भाषा सुरेश नरेश
नरेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुल का एक हिस्सा गिरने के बाद बाल्टीमोर में नए…
8 hours ago