मेलबर्न। australian census : ऑस्ट्रेलियाई जनगणना के आंकड़े जारी किए गए हैं, जिनमें दिखाया गया है कि महिलाएं आमतौर पर पुरुषों की तुलना में प्रति सप्ताह कई घंटे अधिक अवैतनिक गृहकार्य करती हैं। यह कोई नयी बात नहीं है। 2016 में, ऑस्ट्रेलिया के ‘‘टिपिकल’’ पुरूष सप्ताह में पांच घंटे से भी कम घर का काम करते थे, जबकि ‘टिपिकल’ ऑस्ट्रेलियाई महिला सप्ताह में पांच से 14 घंटे के बीच घर के काम में बिताती थी। इससे पहले, 2006 की जनगणना से भी यही सामने आया था कि घरेलू काम का अधिक बोझ महिलाओं के कंधों पर है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
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इसलिए, 15 वर्षों में जब से ऑस्ट्रेलियाई जनगणना ने अवैतनिक गृहकार्य के समय की गणना करना शुरू किया, महिलाओं को पुरुषों की तुलना में हर बार घर का काम ज्यादा करते पाया गया। इन नवीनतम जनगणना संख्याओं के बारे में अद्वितीय बात यह है कि ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने काम और घरेलू जीवन के सबसे बड़े व्यवधानों में से एक अर्थात कोविड के दौरान भी अपने सर्वेक्षणों को भरा।
हमारे पास व्यापक शोध है जो यह साबित करता है कि महामारी ने महिलाओं – विशेष रूप से माताओं के काम और पारिवारिक जीवन को विनाशकारी तरीकों से बाधित किया है।आर्थिक कारणों से बंद हुए काम धंधों में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में उच्च दर पर रोजगार से बाहर कर दिया गया, जिससे उन्हें अपनी बचत और प्रोत्साहन भुगतान पर अधिक निर्भर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह सब गृहकार्य के बोझ, बच्चों की देखभाल और होमस्कूलिंग का प्रबंधन करते हुए किया गया। दूरस्थ और हाईब्रिड शिक्षा की तरफ मुड़ने का मतलब था कि माताएं, पिता नहीं, इन नई मांगों को पूरा करने के लिए अपने कार्यभार को थोड़ा और बढ़ा लें। पिता ने घर में रहते हुए महामारी की शुरुआत में घर का काम ज्यादा किया और समय के साथ इसे बनाए रखा।
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