'वंस अपॉन अ टाइम इन कलकत्ता' और 'शूबॉक्स' ने न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म महोत्सव में शीर्ष पुरस्कार जीते |

‘वंस अपॉन अ टाइम इन कलकत्ता’ और ‘शूबॉक्स’ ने न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म महोत्सव में शीर्ष पुरस्कार जीते

'वंस अपॉन अ टाइम इन कलकत्ता' और 'शूबॉक्स' ने न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म महोत्सव में शीर्ष पुरस्कार जीते

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : May 16, 2022/10:34 am IST

न्यूयॉर्क, 16 मई (भाषा) फिल्म ‘वंस अपॉन अ टाइम इन कलकत्ता’ और ‘शूबॉक्स’ के अलावा लघु फिल्म ‘तांग/लॉन्गिंग’ ने न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म महोत्सव में शीर्ष पुरस्कार जीते हैं।

इस बार न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म महोत्सव (एनवाईआईएफएफ) में लगभग 60 फिल्मों, फीचर फिल्मों और लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। एनवाईआईएफएफ को उत्तरी अमेरिका का सबसे पुराना और सबसे प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव माना जाता है। यह महोत्सव सात से 14 मई तक चला, जिसमें भारत और भारतीय मूल के फिल्मकारों द्वारा बनाई गई फिल्में प्रदर्शित की गईं।

भारत-अमेरिकी कला परिषद (आईएएसी) द्वारा इस फिल्म महोत्सव का आयोजन लगातार तीसरे वर्ष भी डिजिटल माध्यम से किया गया। इसमें 18 फीचर फिल्में, छह वृत्तचित्र और 36 लघु फिल्मों समेत कुल 60 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।

अजॉय बोस और पीटर कॉम्पटन द्वारा निर्देशित ‘द बीटल्स एंड इंडिया : एन एंड्योरिंग लव अफेयर’ के प्रदर्शन के साथ ही न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म महोत्सव का शनिवार को समापन हो गया।

एनवाईआईएफएफ में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार ‘शूबॉक्स’ को मिला, जबकि आदित्य विक्रम सेनगुप्ता ने ‘वंस अपॉन अ टाइम इन कलकत्ता’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता।

जितेंद्र जोशी ने ‘गोदावरी’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अपने नाम किया। वहीं, श्रीलेखा मित्रा ने ‘वंस अपॉन अ टाइम इन कलकत्ता’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार हासिल किया।

बानी सिंह द्वारा निर्देशित लघु फिल्म ‘तांग/लॉन्गिंग’ ने सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र (फीचर फिल्म) का पुरस्कार जीता। ‘तांग/लॉन्गिंग’ की कहानी बानी सिंह के पिता ओलंपियन ग्रहनंदन सिंह के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने 1948 और 1952 में हॉकी में दो बार स्वर्ण पदक जीता था।

वहीं, सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म का पुरस्कार ‘किकिंग बॉल्स’ को दिया गया।

इस फिल्म महोत्सव में भारत में बोली जाने वाली असमिया, बांग्ला, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु और उर्दू समेत कुल 13 भाषाओं की फिल्में दिखाई गईं।

भाषा रवि कांत पारुल

पारुल

 

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