इस्लामाबाद, एक दिसंबर (भाषा) पाकिस्तान की एक अदालत ने बुधवार को फैसला दिया कि देश में लापता किसी भी व्यक्ति के लिए जिम्मेदार प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट है। इसने लापता लोगों की बरामदगी में सरकार की प्रतिक्रिया को ‘‘दयनीय’’ बताया।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अमहर मीनल्ला ने पत्रकार मुदस्सर महमूद नारो के बारे में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। नारो अगस्त 2018 से लापता हैं। उनके पिता महमूद इकराम ने याचिका दायर की है।
मुख्य न्यायाधीश मीनल्ला ने कहा कि जबरन किसी को गुम करना ‘‘मानवता के खिलाफ अपराध’’ है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और कैबिनेट के सदस्य देश के लोगों की सेवा करने के लिए हैं। लापता लोगों का पता लगाने में सरकार की प्रतिक्रिया दयनीय है।’’
बाद में लिखित आदेश में मुख्य न्यायाधीश मीनल्ला ने कहा कि ‘‘जबरन गुम किए गए लोगों के मामले में जवाबदेही केंद्र सरकार है यानी प्रधानमंत्री और केंद्रीय कैबिनेट के सदस्यों की।’’
अदालत में मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजरी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
भाषा नीरज नीरज पवनेश
पवनेश
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