पोप कनाडा में मूल निवासियों से क्षमा मांगने के बाद बुजुर्गों को करेंगे सम्मानित |

पोप कनाडा में मूल निवासियों से क्षमा मांगने के बाद बुजुर्गों को करेंगे सम्मानित

पोप कनाडा में मूल निवासियों से क्षमा मांगने के बाद बुजुर्गों को करेंगे सम्मानित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : July 26, 2022/8:44 pm IST

एडमंटन (कनाडा),26 जुलाई (एपी) पोप फ्रांसिस मंगलवार को कनाडा में बुजुर्गों (दादा-दादी व नाना-नानी) को सम्मानित करने के वास्ते एक बड़ी सामूहिक प्रार्थना में शिरकत करेंगे।

इससे एक दिन पहले पोप ने कनाडा में आवासीय स्कूलों में मूल निवासियों पर किये गये अत्याचारों में कैथलिक चर्च द्वारा सहयोग किये जाने को लेकर माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि मूल निवासियों को बलपूर्वक इसाई समुदाय में समाहित कराने से उनकी संस्कृति तबाह हुई, उन्हें परिवारों से दूर होना पड़ा।

अल्बर्टा के एडमंटन में कॉमनवेल्थ स्टेडियम में हजारों की संख्या में लोगों के सामूहिक प्रार्थना में शामिल की उम्मीद है। यहां ईसा मसीह की दादी और कनाडाई कैथोलिकों द्वारा विशेष रूप से पूजी जाने वाली सेंट ऐने के जुड़ा पर्व मनाया जा रहा है।

पोप ने युवा पीढ़ियों में श्रद्धा पैदा करने में दादी और नानी की भूमिका की सदैव सराहना कि है,साथ ही उन्होंने अपनी दादी रोसा के साथ के अनुभव साझा किए। पोप कई माह से अपने साप्ताहिक संबोधनों में बुजुर्गों के ज्ञान और उनके अनुभवों को बहुमूल्य समझने की जरूरत पर जोर देते रहे हैं साथ ही उन्होंने बुजुर्गों को ‘‘बेकार ’’समझने की आज की प्रवत्ति से भी लोगों को दूर रहने का अनुरोध किया।

गौरतलब है कि पोप फ्रांसिस ने आवासीय स्कूलों में मिशनरियों द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने को लेकर स्थानीय समुदाय से माफी मांगने के लिए रविवार को कनाडा की ऐतिहासिक यात्रा शुरू की।

इसे मूल निवासी समुदायों के साथ सामंजस्य स्थापित करने और उस दौर के सदमे से उबरने में मदद करने के प्रयासों में कैथोलिक चर्च के एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

कनाडा सरकार ने स्वीकार किया है कि 19वीं शताब्दी से 1970 के दशक तक संचालित सरकारी-वित्त पोषित ईसाई स्कूलों में शारीरिक और यौन शोषण बड़े पैमाने पर किया गया था। लगभग 1,50,000 मूल निवासी बच्चों को उनके परिवारों से दूर ले जाया गया और उन्हें उनके घरों, मूल भाषाओं और संस्कृतियों से दूर करने तथा उन्हें कनाडा के ईसाई समाज में रचने-बसने के लिए मजबूर किया गया।

एपी शोभना पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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