औगाडोउगोउ, 25 जनवरी (एपी) बुर्किना फासो में विद्रोही सैनिकों ने सोमवार रात लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति रॉश मार्क क्रिश्चियन काबोरे का तख्तापलट कर सत्ता अपने हाथों में ले ली। मंगलवार को राजधानी औगाडोउगोउ में सैकड़ों लोग सैन्य शासन के समर्थन में सड़कों पर उतरे और मार्च निकाला।
औगाडोउगोउ में कई दिनों से जारी हिंसा और अनिश्चितता का दौर रविवार रात उस समय खत्म हो गया, जब एक दर्जन से अधिक सैनिकों ने सरकारी मीडिया के जरिये बुर्किना फासो की हुकूमत उनके नए संगठन ‘द पेट्रियॉटिक मूवमेंट फॉर सेफगार्डिंग एंड रिस्टोरेशन’ के हाथों में जाने की घोषणा की।
कैप्टन सिसडोर काबेर औड्राओगो ने कहा, ‘सोमवार की घटना बुर्किना फासो में एक नए युग की शुरुआत करेगी। देश के हर व्यक्ति के पास अपने जख्मों को भरने, आपसी भाईचारे को कायम करने और एकता का जश्न मनाने का एक शानदार मौका है।’
राजधानी के ज्यादातर बाशिंदों ने सैन्य तख्तापलट का स्वागत किया। उन्होंने सड़कों पर नाचकर, गाकर और सैन्य शासन के समर्थन में नारेबाजी कर अपनी खुशी का इजहार किया। देश के अन्य हिस्सों में भी बड़े पैमाने पर जश्न मनाया गया। हालांकि, अफ्रीकी नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने बुर्किना फासो में सैन्य शासन ‘जुंटा’ की स्थापना की निंदा की है।
‘जुंटा’ ने सोमवार शाम बुर्किना फासो में कर्फ्यु लगाते हुए सभी सीमाएं बंद कर दीं। साथ ही संविधान को निलंबित करते हुए संसद भंग करने का आदेश जारी किया।
‘जुंटा’ ने भरोसा दिलाया कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल की जाएगी। हालांकि, उसने इसकी समयसीमा नहीं बताई।
काबोरे सरकार पर आतंकवाद से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए उसका तख्तापलट किया गया है। विद्रोही सैनिकों ने दावा किया कि अपदस्थ राष्ट्रपति सुरक्षित हैं। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि काबोरे को कहां रखा गया है।
एपी पारुल माधव
माधव
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