मास्को, 19 मई (एपी) बड़ी संख्या में यूक्रेनवासी रूस के हमले के कारण इस साल की शुरुआत में शरण लेने के लिए पोलैंड पहुंचे, लेकिन ऐसे में क्रेमलिन समर्थक एक हैकिंग समूह ने अफवाहें फैलाने की कोशिश की कि आपराधिक गिरोह बाल शरणार्थियों के अंगों को काटने के लिए उनका इंतजार कर रहे हैं। एक साइबर सुरक्षा कंपनी की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस नेटवर्क का नाम ‘गोस्टराइटर’ है और इसका स्पष्ट लक्ष्य यूक्रेन और पोलैंड के बीच अविश्वास पैदा करना है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने यूक्रेन का मनोबल गिराने और उसके सहयोगियों के बीच फूट डालने के लिए गलत सूचनाएं फैलाने, भय पैदा करने और दुष्प्रचार के मकसद से जिन तरीकों का इस्तेमाल किया है, यह रणनीति उन्हीं तरीकों में शामिल है।
रूस की सरकारी मीडिया और अमेरिका में धुर दक्षिणपंथी समूहों के बीच लोकप्रिय ऑनलाइन मंचों पर इस प्रकार की पोस्ट साझा की गईं। टेलीग्राम और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइट पर इन अफवाहों को कई हजार बार साझा किया गया।
दुष्प्रचार अभियान ने इन जायज चिंताओं का फायदा उठाया कि मानव तस्कर यूक्रेनी शरणार्थियों का अपहरण कर सकते हैं, लेकिन लोगों के अंग काटे जाने का कोई सबूत सामने नहीं आया है।
इस संबंध में बृहस्पतिवार को रिपोर्ट प्रकाशित करने वाली साइबर सुरक्षा कंपनी ‘मैंडिएंट’ के एक वरिष्ठ विश्लेषक एल्डन वाह्लस्ट्रॉम ने कहा कि रूस के सहयोगी बेलारूस से जुड़े ‘गोस्टराइटर’ के अभियानों का एक निश्चित मकसद है और वह है-नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के बीच विश्वास को कम करना और तनाव पैदा करना।
रिपोर्ट में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के आत्महत्या करने या यूक्रेन से फरार होने के फर्जी ऑनलाइन दावों समेत रूस द्वारा फैलाई जा रही अन्य गलत जानकारियों या दुष्प्रचार का भी जिक्र किया गया।
एपी सिम्मी दिलीप
दिलीप
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