श्रीलंका के राष्ट्रपति ने वित्तीय संकट से निकलने के लिए सर्वदलीय सरकार के गठन का न्योता दिया |

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने वित्तीय संकट से निकलने के लिए सर्वदलीय सरकार के गठन का न्योता दिया

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने वित्तीय संकट से निकलने के लिए सर्वदलीय सरकार के गठन का न्योता दिया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : April 29, 2022/10:18 pm IST

कोलंबो, 29 अप्रैल (भाषा) श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट का समाधान करने के लिए संसद में प्रतिनिधित्व रखने वाले सभी राजनीतिक दलों को एक सर्वदलीय सरकार का गठन करने के वास्ते शुक्रवार को न्योता दिया।

राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग ने एक बयान में कहा कि उन्होंने यहां राष्ट्रपति भवन में सांसदों के साथ एक चर्चा के दौरान यह प्रस्ताव दिया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या मौजूदा प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (राष्ट्रपति के बड़े भाई) सर्वदलीय सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस्तीफा देंगे या नहीं।

विपक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री महिंदा (76) को इस्तीफा दे देना चाहिए, हालांकि वह इस मांग को पूर्व में खारिज कर चुके हैं।

बयान में कहा गया है कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने कहा है कि आम सहमति वाली एक राष्ट्रीय आम सहमति की सरकार बनाने की जरूरत है ताकि सरकार के कामकाज को जारी रखा जा सके और शुरूआत में एक राष्ट्रीय परिषद की नियुक्ति की जा सके, जिसमें संसद में प्रतिनिधित्व रखने वाले दलों के नेताओं की भागीदारी हो।

राष्ट्रपति ने कहा कि यदि सभी राजनीतिक दलों ने समर्थन किया तो वह पार्टी के सांसदों द्वारा प्रस्तुत साझा प्रस्ताव में शामिल बिंदुओं पर सहमत होंगे। हालांकि, बयान में साझा प्रस्ताव में जिक्र किये गए बिंदुओं का ब्योरा नहीं दिया गया है।

शुक्रवार सुबह पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अंतरिम सरकार के गठन की अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए राष्ट्रपति से मिला।

बाद में, गोटबाया (72) ने अन्य असंतुष्ट समूह के साथ बातचीत की जो सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग हो गया है।

राष्ट्रपति ने उनसे अंतरिम सरकार गठित करने के लिए 225 सदस्यीय संसद में बहुमत के लिए 113 सदस्यों का समर्थन पेश करने को कहा।

अंसतुष्ट सांसदों ने राष्ट्रपति के बड़े भाई एवं प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की, ताकि एक अंतरिम सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हो सके।

हालांकि, महिंदा ने स्पष्ट कर दिया कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और भविष्य में किसी भी अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे।

भाषा

सुभाष दिलीप

दिलीप

 

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