श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने भारतीय मछुआरों के खिलाफ याचिका में विदेश मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया |

श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने भारतीय मछुआरों के खिलाफ याचिका में विदेश मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया

श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने भारतीय मछुआरों के खिलाफ याचिका में विदेश मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया

:   Modified Date:  May 7, 2024 / 05:10 PM IST, Published Date : May 7, 2024/5:10 pm IST

कोलंबो, सात मई (भाषा) श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने देश के जल क्षेत्र में दक्षिण भारत के मछुआरों द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ने के खिलाफ दायर मूल अधिकारों से जुड़ी याचिका में विदेश मंत्रालय को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है।

श्रीलंका के मछुआरों ने अधिकारियों से अवैध रूप से मछली पकड़ने में शामिल भारतीय मछुआरों को रोकने का आग्रह किया है।

श्रीलंका की नौसेना ने फरवरी में जारी एक बयान में कहा था कि 2024 में देश के जल क्षेत्र में कथित तौर पर मछली पकड़ने को लेकर उसने अब तक 23 भारतीय नौकाओं को जब्त किया है और 178 भारतीय मछुआरों को पकड़ा है। बयान के अनुसार, इन मछुआरों को कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकारियों को सौंप दिया गया है।

श्रीलंका के जल क्षेत्र में, गहरे समुद्र में भारतीय मछुआरों द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ने के खिलाफ, जाफना और मन्नार के प्रभावित मछुआरों के साथ-साथ ‘सेंटर फॉर इन्वायरोंमेन्टल जस्टिस’ (सीईजे) ने पिछले साल दिसंबर में एक याचिका दायर की थी।

श्रीलंका के उच्च्चतम न्यायालय ने सोमवार को निर्देश दिया कि विदेश मंत्रालय को मूल अधिकारों से जुड़ी याचिका में प्रतिवादी बनाया जाए।

न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने इस मुद्दे पर सोमवार को अपनी पहली सुनवाई की।

याचिकाकर्ताओं ने अदालत में दलील दी है कि श्रीलंका के जल क्षेत्र में भारतीय मछुआरों के अवैध रूप से मछली पकड़ने से करीब 50,000 स्थानीय मछुआरे प्रभावित हुए हैं।

मत्स्य पालन मंत्री, रक्षा मंत्रालय में सचिव, श्रीलंकाई नौसेना और वायुसेना के कमांडर को भी प्रतिवादी बनाया गया है।

सीईजे के प्रवक्ता ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी।

भाषा सुभाष नरेश

नरेश

 

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