यहूदी नरसंहार को याद कर संदेश देने के लिये एकजुट हुए जीवित बचे लोग |

यहूदी नरसंहार को याद कर संदेश देने के लिये एकजुट हुए जीवित बचे लोग

यहूदी नरसंहार को याद कर संदेश देने के लिये एकजुट हुए जीवित बचे लोग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : April 28, 2022/4:44 pm IST

न्यूयॉर्क, 28 अप्रैल (एपी) ऐसे समय जब वैश्विक तौर पर यहूदी विरोधी भावना बढ़ रही है अनियंत्रित नफरत के खतरों और स्मृतियों के महत्व पर एक संदेश देने के लिए दुनियाभर में ‘होलोकॉस्ट’ (द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यहूदियों का नरसंहार) में बचे लोग एकजुट हुए हैं।

योम हाशोआह – इजराइली होलोकॉस्ट स्मृति दिवस- के मौके पर बृहस्पतिवार को जारी एक वीडियो में इस नरसंहार में बचे 100 व्यक्तियों ने लोगों से उनके साथ खड़े होने और नाजी नरसंहार को याद करने को कहा जिससे पूर्व की इस भयावह घटना के दोहराव को रोका जा सके।

न्यूयॉर्क स्थित ‘कॉन्फ्रेंस ऑन जूइश मेटेरियल क्लेम्स अगेंस्ट जर्मनी’, जिसे क्लेम्स कॉन्फ्रेंस भी कहा जाता है, के द्वारा ‘द 100 वर्ड्स’ प्रोजेक्ट वीडियो जारी किया गया था। समूह नाजी उत्पीड़न के शिकार लोगों और उनके उत्तराधिकारियों के लिए मुआवजे और बहाली के लिए बातचीत में दुनिया के यहूदियों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके साथ ही समूह दुनिया भर में ‘होलोकॉस्ट’ में बचे लोगों को राहत पहुंचाने के लिये भी काम करता है।

क्लेम्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष गिदोन टेलर ने एक बयान में कहा, “दुनिया संघर्ष से भरी हुई है – महामारी से लेकर यूक्रेन में हो रहे संकट तक – योम हाशोआह जैसे स्मृति दिवसों पर, इनका रुकना और इसका प्रतिबिंबित होना बेहद महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने कहा, “इन उत्तरजीवियों ने आज जो कार्रवाई करने का आह्वान किया है… एक अनुस्मारक है कि हमें सिर्फ मूकदर्शक नहीं बने रहना है। हम सभी अपने-अपने तरीके से खड़े हो सकते हैं और हम अपने सामूहिक इतिहास को खुद को दोहराने नहीं देने का विकल्प चुन सकते हैं।”

परियोजना को तब जारी किया जा रहा है जब रूस को यूक्रेन पर अपने आक्रमण में नागरिकों पर हमलों को लेकर व्यापक विद्रोह और युद्ध अपराधों के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब ‘होलोकॉस्ट’ में बचे लोग – अब जिनकी उम्र 80 और 90 के करीब है- मर रहे हैं, जबकि अध्ययनों से पता चलता है कि युवा पीढ़ियों को नाजी नरसंहार के बारे में बुनियादी ज्ञान भी नहीं है, जिसमें दुनिया के एक तिहाई यहूदियों का सफाया कर दिया गया था।

नरसंहार में बचे जिंजर लेन ने कहा, “अगर हम उन्हें याद नहीं रखते हैं, तो हम उन्हें दो बार मार रहे हैं क्योंकि हम उन्हें भूल गए हैं। और हम उस दुखद त्रासदी को भूल गए हैं जिसे लाखों लोगों ने देखा था।” जिंजर को उनके भाई-बहनों के साथ गैर यहूदियों द्वारा बर्लिन के पास फलों के एक बाग में छिपाया गया था।

एपी

प्रशांत पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)