महाराजा चार्ल्स के राज्याभिषेक के लिए तैयार किया जा रहा रत्न जड़ा ताज |

महाराजा चार्ल्स के राज्याभिषेक के लिए तैयार किया जा रहा रत्न जड़ा ताज

महाराजा चार्ल्स के राज्याभिषेक के लिए तैयार किया जा रहा रत्न जड़ा ताज

:   Modified Date:  December 4, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : December 4, 2022/8:03 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, चार दिसंबर (भाषा) टावर ऑफ लंदन के ज्वेल हाउस में रखे गये रत्न जड़ित एक ताज को अगले साल महाराजा चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक के लिए उनके सिर के आकार के अनुकूल तब्दील करने की कवायद शुरू हो गई है। बकिंघम पैलेस ने शनिवार को यह जानकारी दी।

शाही महल ने बताया कि देश के क्राउन ज्वेल्स के ‘ऐतिहासिक केंद्रबिंदु’ के रूप में वर्णित सेंट एडवर्ड ताज को छह मई 2023 को होने वाले राज्याभिषेक समारोह के लिए ‘तैयार’ करने के वास्ते विश्व प्रसिद्ध टॉवर से बाहर निकाला गया है।

परंपरा के अनुसार, लंदन के वेस्टमिंस्टर ऐबे में आयोजित होने वाले राज्याभिषेक समारोह के दौरान महाराजा को सेंट एडवर्ड ताज पहनाया जाएगा।

चार्ल्स सितंबर में अपनी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ब्रिटेन के महाराजा घोषित किए गए थे। वह अपने शासन की शुरुआत से जुड़े आधिकारिक समारोह में इंपीरियल स्टेट ताज भी पहनेंगे।

बकिंघम पैलेस ने बताया कि सेंट एडवर्ड ताज ब्रिटेन में महाराजा या महारानी के राज्याभिषेक के दौरान ऐतिहासिक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला ताज है और दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 1953 में ब्रिटिश राजगद्दी संभालने के दौरान यह ताज पहना था।

शाही महल ने कहा, “यह ताज 1961 में चार्ल्स द्वितीय के लिए मध्यकालीन ताज की जगह बनाया गया था, जिसे 1649 में गला दिया गया था। मूल ताज 11वीं सदी के शाही संत एडवर्ड द कंफेसर का बताया जाता है, जो इंग्लैंड के आखिरी आंग्ल-सैक्सन महाराजा थे।”

उल्लेखनीय है कि 1661 में रॉयल गोल्डस्मिथ रॉबर्ट वायनेर से प्राप्त सेंट एडवर्ड ताज सोने के फ्रेम से बना है, जिसमें माणिक, नीलम, गार्नेट, पुखराज और टूमलाइन सहित कई रत्न जड़े हुए हैं। हालांकि, यह मूल ताज की हूबहू नकल नहीं है।

खबरों के मुताबिक, राज्याभिषेक समारोह में अलग-अलग धर्मों के लोग शामिल होंगे और इसमें महाराजा चार्ल्स तृतीय की पत्नी कैमिला की भी ताजपोशी की जा सकती है। हालांकि, उन्हें कौन-सा ताज पहनाया जाएगा, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कैमिला को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मां द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला ताज पहनाए जाने की संभावना नहीं है, जिसमें कोहिनूर जड़ा हुआ है। 1864 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत से इस ताज को ले जा कर महारानी विक्टोरिया को भेंट किया था।

भाषा पारुल सुभाष

सुभाष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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