इजराइली बंधकों के रिश्तेदारों का दु:स्वप्न खत्म नहीं हो रहा, अब भी बाकी है अपनों के लौटने की आस |

इजराइली बंधकों के रिश्तेदारों का दु:स्वप्न खत्म नहीं हो रहा, अब भी बाकी है अपनों के लौटने की आस

इजराइली बंधकों के रिश्तेदारों का दु:स्वप्न खत्म नहीं हो रहा, अब भी बाकी है अपनों के लौटने की आस

:   Modified Date:  February 23, 2024 / 01:32 PM IST, Published Date : February 23, 2024/1:32 pm IST

किबुत्ज बेरी, 23 फरवरी (एपी) जिलियन और पेटे ब्रिस्ली अपनी बिखरी हुई जिंदगियों को फिर से समेटने की कोशिश कर रहे हैं। वे अपने उस घर को संवारने में जुटे हैं, जिसमें सात अक्टूबर को हमास ने उनकी बेटी और नातिनों की हत्या कर दी थी। वे इस उम्मीद में घर की साफ-सफाई कर रहे हैं कि गाजा में बंधक बनाया गया उनका दामाद कभी घर लौट सकता है।

चरमपंथियों के घर में घुसने पर टूटा शीशा साफ कर दिया गया है। मारे गए लोगों के कपड़े पैक किए जा रहे हैं।

हमास के हमले के दौरान किबुत्ज बेरी में जिलियन ब्रिस्ले की बेटी लियाने (48) और दो नातिनों नोइया (16), याहेल (13) की हत्या कर दी गई थी।

जिलियन कहती हैं, “हम वास्तव में नहीं चाहते कि वह (दामाद) वापस आये और उस स्थिति को देखे जिसमें वह (लियाने) थी। हम बस आशा और प्रार्थना कर सकते हैं कि वह गाजा में हो। और किसी समय वापस आ जाए।”

दर्जनों परिवार जिनके रिश्तेदारों को बंधक बनाकर गाजा ले जाया गया है, वे एक बुरे सपने का सामना कर रहे हैं। इजराइल-हमास युद्ध के लगभग पांच महीने बाद भी उन्हें उम्मीद है कि शेष बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन समाधान को लेकर उनकी हताशा बढ़ती जा रही है। कई दौर की बातचीत शुरू होने के बाद, वे इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इजराइल और दुनिया दोनों उनके संघर्ष में रुचि नहीं ले रहे हैं।

ओफ्री बिबास लेवी के भांजों एरियल (चार) और केफिर (एक) को उनके माता-पिता के साथ बंधक बना लिया गया था।

लेवी ने कहा, “हम हर समय चिंता में हैं। हम चार महीने से इसी पसोपेश से जूझ रहे हैं और यह नहीं जानते कि क्या होने वाला है। ”

इजराइली अधिकारियों के अनुसार, अक्टूबर में हमास के चरमपंथियों ने दक्षिणी इजराइल पर हमला कर 1,200 लोगों की हत्या कर दी, जिनमें ज्यादातर आम लोग थे। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं, बच्चों और वृद्धों समेत लगभग 250 लोगों का अपहरण कर लिया।

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इजराइल के इतिहास में सबसे घातक हमले ने गाजा में युद्ध की शुरुआत की, जिसमें अधिकांश महिलाओं और बच्चों समेत 29,000 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो गई।

नवंबर के अंत में एक समझौते के तहत 100 से अधिक बंधकों को रिहा कर दिया गया था, जिनमें ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और विदेशी नागरिक थे। जबकि इजरायल ने बदले में 240 फलस्तीनियों को रिहा किया। शेष बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत रुकी हुई है।

इज़राइल का मानना है कि शेष 134 बंधकों में से कम से कम 30 बंधक 7 अक्टूबर को मारे गए या कैद में उनकी मौत हो गई।

एपी जोहेब मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)