चेर्नोबिल पर रूसी कब्जे के बाद हादसे का खतरा काफी बढ़ गया है : परमाणु संयंत्र के प्रमुख |

चेर्नोबिल पर रूसी कब्जे के बाद हादसे का खतरा काफी बढ़ गया है : परमाणु संयंत्र के प्रमुख

चेर्नोबिल पर रूसी कब्जे के बाद हादसे का खतरा काफी बढ़ गया है : परमाणु संयंत्र के प्रमुख

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : April 27, 2022/12:31 pm IST

World news in hindi : चेर्नोबिल (यूक्रेन), 27 अप्रैल (एपी) चेर्नोबिल में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु आपदा के करीब 36 साल बाद, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर रूसी सैनिकों के कब्जे के बाद वहां हादसे का खतरा काफी बढ़ गया है।

बारिश में अपना छाता थामे क्षतिग्रस्त संयंत्र के बाहर खड़े एजेंसी के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि विकिरण का स्तर सामान्य है, लेकिन स्थिति अब भी ‘‘स्थिर’’ नहीं है। परमाणु संयंत्र के अधिकारियों को ‘‘सतर्क रहना होगा।’’

यूक्रेनी राजधानी की ओर बढ़ते हुए फरवरी में रूसी सैनिक चेर्नोबिल के अपवर्जन क्षेत्र में दाखिल हो गए थे। रूस के यूक्रेन की राजधानी कीव के आसपास के क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के मद्देनजर पिछले महीने के अंत में वह वहां से निकले। रूसी सेना अब पूर्वी यूक्रेन की ओर अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है।

रूसी सेना के हटने के बाद से यह क्षेत्र वापस यूक्रेन के कब्जे में आ गया है और बाधित संचार बहाल कर दिया गया है।

यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि एक महीने से अधिक समय तक उस पर कब्जा करने वाले रूसी लोगों ने बंदूकों के दम पर संयंत्र के कर्मचारियों को वहां रखा। इस दौरान कर्मचारी मेज के ऊपर सोते थे और उन्हें ठीक से भोजन भी नहीं मिल रहा था।

ग्रॉसी ने बिजली व्यवधान सहित कब्जे के दौरान संभावित जोखिमों को कम करने के लिए कर्मचारियों की तारीफ भी की।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि हम आपदा के कितने करीब हैं, लेकिन स्थिति यकीनन असामान्य और बहुत, बहुत खतरनाक है।’’

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने ट्विटर पर कहा कि हर कोई परमाणु ऊर्जा के खतरे को नहीं समझ सकता। उन्होंने कहा, ‘‘ यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में रूस की कार्रवाई से मानवता के लिए एक नया खतरा उत्पन्न हो गया है।’’

गौरतलब है कि चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर 26 अप्रैल, 1986 में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु दुर्घटना हुई थी, जब एक परमाणु रिएक्टर में विस्फोट के बाद रेडियोधर्मी विकिरण फैल गया था। रूस सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने क्षेत्र में स्थिति सामान्य करने और उसे सुरक्षित बनाने के लिए अरबों डालर खर्च किए थे।

एपी निहारिका नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)