भारत में यकीनन यह मोदी युग है: अमेरिकी स्तंभकार सदानंद धूमे |

भारत में यकीनन यह मोदी युग है: अमेरिकी स्तंभकार सदानंद धूमे

भारत में यकीनन यह मोदी युग है: अमेरिकी स्तंभकार सदानंद धूमे

:   Modified Date:  April 17, 2024 / 01:44 PM IST, Published Date : April 17, 2024/1:44 pm IST

वाशिंगटन,17 अप्रैल (भाषा) दक्षिण एशिया मामलों के एक प्रख्यात अमेरिकी विशेषज्ञ और स्तंभ लेखक का कहना है कि भारत में यह यकीनन मोदी युग है और देश में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थिति स्पष्ट तौर पर मजबूत है और वह तीसरी बार सत्ता में वापसी करेगी।

‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के लिए दक्षिण एशिया मामलों के स्तंभकार तथा थिंक टैंक ‘अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट’ से जुड़े सदानंद धूमे ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में यह बात कही।

धूमे ने कहा कि भारत में यह मोदी युग है।

उन्होंने कहा,‘‘भारतीय संदर्भों में निस्संदेह यह मोदी युग है। जैसे 2015 से अमेरिकी राजनीति में ट्रंप युग रहा है, भले ही वह सत्ता में हों या नहीं हों। भारत में लगभग 2013 से स्पष्ट तौर पर मोदी युग है…।’’

उन्होंने कहा,‘‘ आप चाहें उन्हें पसंद करें या उनसे घृणा करें लेकिन वह राष्ट्रीय चर्चा के केन्द्र में हैं। अगर आप इंदिरा गांधी के समय से लेकर अब तक की राजनीति पर नजर दौड़ाएं तो आप पाएंगे कि कोई भी ऐसा नेता नहीं है जो राष्ट्रीय चर्चा में इस तरह से केन्द्र में रहा हो।’’

धूमे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर काफी अच्छा काम किया है।

उन्होंने कहा,‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की व्यक्तिगत लोकप्रियता काफी ऊंची बनी हुई है। यदि आप सर्वेक्षणों को देखें, तो यह 80% के आसपास है जो विश्व नेताओं के लिए यदि उच्चतम नहीं तो सबसे अधिक में से एक है। एक बात यह भी है कि कई मायनों में विपक्ष वास्तव में ध्वस्त हो गया है। पहले 2014 में और फिर 2019 में कांग्रेस लगातार दो निराशाजनक प्रदर्शनों के बाद फिर से संभल नहीं हो पायी है।”

धूमे ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से भारत लंबे समय से एक ऐसा देश रहा है जिसमें केवल एक शक्तिशाली राष्ट्रीय पार्टी रही है। यदि आप 60, 70, 80 के दशक को देखें, तो उस पर कांग्रेस पार्टी का प्रभुत्व था और अब उस पर भाजपा का प्रभुत्व है, उस हद तक नहीं जितना कभी कांग्रेस का प्रभुत्व था।

उनका कहना था, ‘‘भारत में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अपना उत्तराधिकारी नेतृत्व तैयार करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं बना पायी है, जैसा कि दुनिया भर में सफल राजनीतिक दलों ने किया है। अमेरिका में चाहे वह लेबर पार्टी हो या कंजर्वेटिव पार्टी या डेमोक्रेटिक पार्टी। जब आप चुनाव हारते हैं तो आम तौर पर आपको नया नेतृत्व मिल जाता है।’’

धूमे ने कहा, लेकिन कांग्रेस नहीं जानती कि यह कैसे करना है क्योंकि यह एक परिवार संचालित पार्टी बन गई है।

भाषा शोभना नरेश

नरेश

 

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