जिनेवा, 24 मई (एपी) संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने म्यांमा के रखाइन प्रांत में नई हिंसा के प्रभाव के बारे में ‘भयानक और परेशान करने वाली रिपोर्ट’ के बारे में शुक्रवार को चेतावनी दी, जो सेना और उससे लड़ने वाले एक जातीय सशस्त्र समूह द्वारा रोहिंग्या नागरिकों पर नए हमलों की ओर इशारा करती है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की प्रवक्ता लिज थ्रोसेल ने हाल के सप्ताहों में हुई हिंसा का हवाला दिया, जिसमें बुथिदाउंग शहर में आगजनी, हवाई हमले, निहत्थे ग्रामीणों पर गोलीबारी, सिर कलम करने की खबरों का उल्लेख किया।
जिनेवा में एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘हमें म्यांमा के रखाइन प्रांत से दिल दहलाने और परेशान करने वाली खबर मिल रही है, जो वहां जारी हिंसा के कारण लोगों के जानमाल के संकट की स्थिति को दर्शाती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रोहिंग्या नागरिकों की हत्या और उनकी संपत्ति को जलाने जैसे गंभीर आरोप चिंतित करने वाले हैं।’’
उन्होंने उपग्रह की तस्वीरों, लोगों के बयानों और ऑनलाइन वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि हाल के दिनों में हुई हिंसा के कारण बुथिदाउंग में हजारों लोग बेघर हो गए हैं। ऑनलाइन वीडियो से पता चला है कि बड़े पैमाने पर शहर में आगजनी की गई है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी माउंगदो में शुरू हुए संघर्ष के कारण ‘‘स्पष्ट तौर पर यह हिंसा फैली है।’’
थ्रोसेल ने म्यांमा की सेना और अराकान सेना द्वारा रोहिंग्या नागरिकों पर ताजा हमलों की निंदा की। अराकान सेना रखाइन जातीय अल्पसंख्यक समूह के लड़ाकों की सेना है।
एपी खारी सुरेश
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