संयुक्त राष्ट्र ने संघर्ष वाले देशों में शांति बहाली में दुनिया की अक्षमता पर किया आगाह |

संयुक्त राष्ट्र ने संघर्ष वाले देशों में शांति बहाली में दुनिया की अक्षमता पर किया आगाह

संयुक्त राष्ट्र ने संघर्ष वाले देशों में शांति बहाली में दुनिया की अक्षमता पर किया आगाह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : December 8, 2021/1:28 am IST

UN warns of world’s inability  : संयुक्त राष्ट्र, आठ दिसंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी प्रमुख ने मंगलवार को यमन, लीबिया और इथियोपियो जैसे देशों में शांति बहाल करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बढ़ती अक्षमता के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि इससे मानवीय और शरणार्थी संगठनों का संघर्ष के दौरान काम बढ़ता जा रहा है और वे इस संकट में फंसे लोगों की अपेक्षाओं और उम्मीदों के बावजूद भी इसे हल नहीं कर सकते।

फिलिपो ग्रांडी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यह याद दिलाया कि संघर्षों के राजनीतिक समाधान नहीं होने से इन हिंसक संघर्षों में फंसे लोगों का जीवन बेहद मुश्किल होता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त ने कहा कि उनका कार्यालय और अन्य संगठन अपने देशों से भागे या अपने देशों में ही विस्थापित करीब 8.4 करोड़ शरणार्थियों को मानवीय सहायता, सहयोग, आश्रय और सुरक्षा पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।

ग्रांडी ने जिनेवा से परिषद और संयुक्त राष्ट्र के संवाददाताओं से बातचीत की, जहां दानकर्ताओं ने मंगलवार को एक अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की राशि यूएनएचसीआर को 2022 के कार्यों के लिए देने का संकल्प लिया। उन्होंने दानकर्ताओं के अहम सहयोग का स्वागत करते हुए कहा कि मदद के ये संकल्प अगले साल संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 से पैदा हुई चुनौतियों की तरफ काम करने की दिशा में एजेंसी के लिए पर्याप्त नहीं है।

उच्चायुक्त ने कहा कि यूएनएचसीआर दुनिया के 136 देशों और अन्य इलाकों में अपने अभियान के लिए करीब नौ अरब अमेरिडी डॉलर देने की अपील कर रहा है। उन्होंने कहा कि इनमें से आधी राशि पश्चिम एशिया, अफ्रीका और अफगानिस्तान, इथियोपिया, म्यामां, वेनेजुएला और अन्य देशों में अपने घरों से भागे लाखों लोगों की आपात सहायता के लिए है।

भाषा स्नेहा गोला

गोला

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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