कौन हैं ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किए गए मोहम्मद मोखबर |

कौन हैं ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किए गए मोहम्मद मोखबर

कौन हैं ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किए गए मोहम्मद मोखबर

:   Modified Date:  May 20, 2024 / 05:06 PM IST, Published Date : May 20, 2024/5:06 pm IST

दुबई, 20 मई (एपी) ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को देश के उत्तर-पश्चिमी इलाके में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद सोमवार को इस्लामी गणराज्य का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया।

मोखबर (68) ईरान के शिया धर्मतंत्र में अन्य राजनीतिक नेताओं की तुलना में काफी हद तक सुर्खियों से दूर रहे हैं। रईसी के निधन के बाद मोखबर अचानक जनता की निगाहों के सामने आए हैं। ईरान में राष्ट्रपति चुनाव से पहले वह लगभग 50 दिन तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में सेवा दे सकते हैं।

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने रविवार को हुई दुर्घटना में रईसी की मौत पर जारी एक शोक संदेश में मोखबर की नियुक्ति की घोषणा की। हेलीकॉप्टर का मलबा सोमवार को ईरान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में मिला।

मोखबर ने सरकार में प्रमुख पदों पर कार्य किया है। उन्होंने खास तौर पर ‘बोनयाद’ या धर्मार्थ संगठनों में बड़ी भूमिका निभाई है। ईरान की 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद जब्त की गई संपत्ति से इन संगठनों को बढ़ावा मिला। इनमें वे संपत्तियां भी थीं जो पहले ईरान के शाह या उनकी सरकार से जुड़ी थीं।

मोखबर ने दिवंगत सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खुमैनी से संबधित एक धर्मार्थ फाउंडेशन का जिम्मा संभाला। इस संगठन को ‘इमाम खुमैनी के आदेश की तामील’ (ईआईकेओ) के रूप में जाना जाता है।

अमेरिकी कोषागार विभाग का कहना है कि इस संगठन के पास ‘‘सर्वोच्च नेता अली खामेनेई की सीधी देखरेख में अरबों डॉलर की संपत्ति का नियंत्रण है, जिसकी ऊर्जा, दूरसंचार और वित्तीय सेवाओं सहित ईरानी अर्थव्यवस्था के लगभग हर क्षेत्र में हिस्सेदारी है।’’

अमेरिका ने ईआईकेओ पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, धार्मिक अल्पसंख्यकों और निर्वासित ईरानियों सहित सरकार के आलोचकों से भूमि और संपत्ति जब्त करके असंतुष्टों के अधिकारों का व्यवस्थित रूप से उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया। इस वजह से अमेरिका ने 2021 में मोखबर पर प्रतिबंध लगाया था।

यूरोपीय संघ (ईयू) ने भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में चिंताओं के बीच अन्य लोगों के साथ कुछ समय के लिए मोखबर पर प्रतिबंध लगाया था।

ईआईकेओ के प्रमुख के तौर पर मोखबर ने कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान टीका बनाने के प्रयास का निरीक्षण किया और लाखों खुराक बनाने का वादा किया।

मोखबर पूर्व में बैंकिंग और दूरसंचार क्षेत्र में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने मुस्तजाफान फाउंडेशन में भी काम किया। यह संगठन देश की बड़ी-परियोजनाओं और व्यवसायों का प्रबंधन करता है।

ईरानी मीडिया की खबरों से पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय कानून में डॉक्टरेट कर चुके मोखबर ने ईरान के तेल उद्योग पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को दरकिनार करने के देश प्रयासों में खास भूमिका निभाई थी।

मोखबर 2022 से ईरान की ‘एक्सपेडिएंसी काउंसिल’ के सदस्य हैं। यह संस्था सर्वोच्च नेता को सलाह देती है, साथ ही संसद और ईरान की संवैधानिक निगरानी इकाई ‘गार्जियन काउंसिल’ के बीच विवादों का निपटारा करती है।

मोखबर का जन्म एक सितंबर 1955 को ईरान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित खुजेस्तान प्रांत के देजफुल में हुआ था।

समूह ‘यूनाइटेड अगेंस्ट न्यूक्लियर ईरान’ (यूएएनआई) के अनुसार, मोखबर ने 1980 के दशक के ईरान-इराक युद्ध के दौरान रिवोल्यूशनरी गार्ड की मेडिकल कोर में अधिकारी के रूप में कार्य किया था।

यूएएनआई ने कहा, ‘‘मोखबर ने ईआईकेओ द्वारा जमा की गई विशाल संपत्ति का इस्तेमाल ईरानी लोगों की कीमत पर अपने जैसे शासन के करीबी लोगों को पुरस्कृत करने के लिए किया।’’

एपी आशीष नोमान

नोमान

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)