तिराना (अल्बानिया), 28 फरवरी (एपी) रूसी आक्रमण शुरू होने के दो साल बाद यूक्रेन के पस्त होने के संकेत बढ़ने के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अल्बानिया सरकार के साथ एक सम्मेलन की मेजबानी की जिसका मकसद दक्षिण पूर्वी यूरोपीय देशों को कीव की और मदद के लिए प्रोत्साहित करना था।
जेलेंस्की अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्रा के तहत मंगलवार देर रात यहां पहुंचे। उससे पहले वह शांति योजना तथा रूस से युद्धबंदियों की वापसी पर जोर देने के लिए दिन में सऊदी अरब में थे।
उन्होंने ‘एक्स’ पर अपने एक संदेश में बुधवार को ‘यूक्रेन के अटूट मित्र’ अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा से भेंट करने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि दोनों ‘‘रक्षा एवं राजनीतिक सहयोग, शांति फॉर्मूला के लिए समर्थन एवं सुरक्षा समझौतों पर चर्चा करेंगे।’’
उन्होंने सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं न्यायपूर्ण एवं स्थायी शांति हासिल करने के यूक्रेन के प्रयास तथा स्विटरजरलैंड में वैश्विक शांति सम्मेलन के आयोजन के प्रस्ताव का समर्थन करने का प्रस्ताव रखूंगा।’’
जेलेंस्की और रामा ने ‘‘अल्बानिया के साथ अपना सहयोग तथा बाल्कन क्षेत्र में यूक्रेन की स्थिति मजबूत करने’ के लिए सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर भी किये। जेलेंस्की ने यूक्रेन के प्रति योगदान के लिए रामा को ‘यारोस्लाव द वाइज’ पदक से सम्मानित भी किया।
जेलेंस्की के साथ विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा भी थे।
रामा ने फेसबुक पर लिखा कि वह ‘एकजुटता बैठक तथा रूसी आक्रमण के खिलाफ हमारे लोकतंत्रों की कटिबद्धता को और बढ़ाने के लिए’’ जेलेंस्की का स्वागत करने के लिए गर्व महसूस कर रहे हैं।
जब यूक्रेन युद्ध की चुनौतियों से जूझ रहा है तो ऐसे में और सहयोग हासिल करना यूक्रेनी नेता के लिए अहम है। जेलेंस्की ने रविवार को घोषणा की थी कि रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद अबतक युद्ध में 31,000 यूक्रेनी सैनिक मारे गये हैं। पहली बार यूक्रेन ने शहीद सैनिकों की संख्या की पुष्टि की है।
यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से हथियारों एवं आयुधों के संयुक्त उत्पादन को बढ़ाने, यूक्रेनी हवाई रक्षा तंत्र में सुधार लाने तथा विस्तारित प्रतिबंधों के जरिए रूस पर नया दबाव डालने की अपील की है। नाटो प्रमुख ने कहा है कि अमेरिका के नेतृत्व वाले इस गठबंधन की यूक्रेन में सैनिकों को भेजने की कोई योजना नहीं है।
यूक्रेन के पड़ोसियों समेत दक्षिण पूर्व यूरोप के 11 देशों ने अल्बानिया सम्मेलन में हिस्सा लिया। तीन देश ऑनलाइन ढंग से उससे जुड़े। इसके अलावा यूरोपीय संघ तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अधिकारियों ने भी उसमें भाग लिया।
एपी राजकुमार शफीक
शफीक
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