Brother Marry With Sister infront Mother and Father, Know legacy

Brother Marry With Sister: सगे भाई-बहन ने आपस में रचाई शादी, परिवार में किसी को कोई आपत्ति नहीं, मां-बाप भी देते हैं अनुमति

सगे भाई-बहन खुलेआम मां-बाप के सामने बनाते हैं संबंध! Brother Marry With Sister infront Mother and Father, Know legacy

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : September 6, 2022/5:04 pm IST

नई दिल्लीः Brother Marry With Sister  कहते हैं न जैसा देश वैसा भेष, जी हां और ये सच भी है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हर देश की परंपराएं अलग-अलग होती है। लेकिन इनमें से कुछ परंपराएं ऐसी होती है, जिसके चलते कई लोगों की मौत भी हो जाती है। वहीं, कुछ परंपरांए ऐसी भी है जो लोगों के लिए रिसर्च का विषय बना हुआ है। आज भी हम ऐसी ही एक परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप भी कहेंगे कि दुनिया के किसी कोने में ऐसा भी होता है। तो चलिए जानते हैं कि ऐसी क्या परंपरा है जो लोगों के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है।

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Brother Marry With Sister  दरअसल इंडोनेशिया की राजधानी और एक सिटी है गोरोन्तालो, जहां पोलाही जनजाति के लोग रहते हैं। लेकिन आपको बता दें कि ये जनजाति के लोग जंगल में ही अपना घर बनाते हैं और यहीं पर ही अपना जीवन यापन चलाते हैं। पोलाही जनजाति के लोगों में एक अलग तरह की परंपरा है, इस जनजाति में भाई अपनी बहन से बिंदास संबंध बनाता है। हैरानी की बात ये है कि इसके लिए उनके माता पिता की ही अनुमति देते हैं। आपको और हैरानी होगी जब ये जानेंगे कि सिर्फ भाई बहन ही नहीं मां-बेटा, बाप बेटी से भी संबंध बनाते हैं। मतलब ये लोग रक्त-संबंधियों से भी शादी करने को स्वतंत्र होते हैं। इनके बीच यह मैरिज सिस्टम डच औपनिवेशिक काल से चला आ रहा है। भले ही इसे असामान्य या अजीब भी माना जाता हो, लेकिन यह संस्कृति आज भी मौजूद है और तब तक बनी रह सकती है, जब तक इन लोगों की मानसिकता में कोई बदलाव नहीं आता।

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पोलाही जनजाति में इस तरह के रिश्तों को लेकर लंबे समय से रिसर्च होती आ रही है। इन स्टडीज के रिजल्ट से पता चलता है कि पोलाही जनजाति के लिए अनाचार विवाह रीति-रिवाजों के कारण नहीं है, बल्कि इनमें समझ और ज्ञान की बहुत कमी है। यहां तक ​​कि ये यह भी नहीं जानते कि दूसरी मानव समूह से कैसे जुड़ना है? इसलिए ये आपस में अंतर्जनन यानी आपस में फिलजिकल रिलेशन करते हैं।

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वैसे बता दें कि इस तरह का कौटुम्बिक अनाचार एक वर्जित व्यवहार है। अधिकांश देशों में ऐसे कानून हैं, जो अनाचार या करीबी रिश्तेदारों के साथ विवाह को बैन करते हैं। इसे समाज के लिए आदर्श नहीं माना जाता है। इसके अलावा इस फिजिकल रिलेशन को जन्मजात बीमारियों का जनक भी माना जाता है। एक स्टडी से पता चलता है कि करीबी रिश्तेदारों से सेक्सुअल रिलेशन बनाने वालों से जन्मे बच्चे में जन्म दोष विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। यानी करीबी रिश्तेदारों या अनाचार से पैदा हुए बच्चे बड़े होकर अक्सर मनोवैज्ञानिक स्थितियों से पीड़ित होते हैं। जैसे कि सामाजिकता में कठिनाई, आत्मसम्मान मे कमी, मानसिक विकार, अवसाद, किसी हादसे को लेकर तनाव विकार और सीमा रेखा व्यक्तित्व यानी मानसिक बीमारी जो किसी व्यक्ति की भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करती है।

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एक स्टडी में यह भी पाया गया कि जिन 40 प्रतिशत बच्चों के माता-पिता आपस में रिश्तेदार जैसे-माता-पिता, बच्चे या भाई-बहन थे, उनमें एक ऑटोसोमल रिसेसिव डिसऑर्डर हो सकता है। यानी पैरेंट से विरासत में दो बदले हुए जीन यानी म्यूटेशन के रूप में मिलते हैं। इससे फिजिकिल या मेंटर जैसी कोई गंभीर समस्या हो सकी है। इस तरह के रिश्ते से जन्मे बच्चों में क्या डिसऑर्डर हो सकते हैं, इसका पता करने एक स्टडी की गई। चेकोस्लोवाकिया में अनाचार से जन्मे बच्चों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, उनमें से 42 प्रतिशत किसी न किसी गंभीर जन्म दोष से पीड़ित थे या अधिक समय तक जीवित नहीं रह सके। 11 प्रतिशत में मानसिक विकार या बौद्धिक कमी थी।

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इतनी सारी स्टडी और रिसर्च के बावजूद पोलाही जनजाति की यह कथित परंपरा हैरान करती है। पोलाही जनजाति में अनाचार विवाह से जन्मे बच्चे अन्य मानव समूहों की तुलना में अधिक फिट मिले। यानी रिसर्चर्स अभी भी यह पता करने में नाकाम रहे हैं कि ऐसा क्यों होता है? मानवविज्ञानी स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ गोरोन्टालो से जुड़े एक्सपर्ट योवन तामू ने कहा कि अद्वितीय बात यह है कि इनके वंशज में कोई डिफेक्ट्स नहीं मिला। वे नॉर्मल हैं, जबकि अन्य देशों में ऐसा होना आम बात नहीं है। यदि इन ब्रीडिंग मैरिज यकीनन त्रुटिपूर्ण है, तो पोलाही में दोष क्यों नहीं है? हालांकि तामू ने कहा कि मानवशास्त्रीय दृष्टिकोण से यह संभव है कि पोलाही जनजाति के जीवन में विशेष संस्कार हों, जिससे उनके बच्चे सामान्य हैं। हो सकता है कि ये जनजाति जंगल में किसी खास पौधों का उपभोग कर रही हो, जिसके बारे में बाहरी समुदाय को पता नहीं है? वे कुछ ऐसे पौधे खाते हैं, जो उनकी हेल्थ को ठीक रखते हों, वे माउंटे में गहरे और घने जंगल में रहते हैं, उन्हें पता है कि पहाड़ों पर कौन से पौधे से क्या लाभ है।

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