CG Vidhan Sabha Chunav 2023: बीजेपी और कांग्रेस के घोषणापत्र में जाने क्या है अंतर, यहां समझिए दोनों पार्टियों के घोषणापत्र की पूरी कहानी |

CG Vidhan Sabha Chunav 2023: बीजेपी और कांग्रेस के घोषणापत्र में जाने क्या है अंतर, यहां समझिए दोनों पार्टियों के घोषणापत्र की पूरी कहानी

CG Vidhan Sabha Chunav 2023: बीजेपी और कांग्रेस के घोषणापत्र में जाने क्या है अंतर, यहां समझिए दोनों पार्टियों के घोषणापत्र की पूरी कहानी

Edited By :   Modified Date:  November 9, 2023 / 05:50 PM IST, Published Date : November 9, 2023/5:50 pm IST

CG Vidhan Sabha Chunav 2023:  छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के प्रचार-प्रसार में महज एक हफ्ता बाकी है और प्रदेश की दोनों ही प्रमुख पार्टियां, कांग्रेस और भाजपा जी जान से चुनाव जीतने की कोशिश में जुट गई है। इस चुनावी जंग का सबसे बड़ा हथियार उनका घोषणापत्र है। दोनों ही पार्टियों ने अपने- अपने पत्ते खोल कर जनता के सामने रख दिए हैं। बहुत हद तक चुनाव में पार्टी की जीत और हार का दारोमदार भी इस बात पर टिक गई है कि कौन सी पार्टी अपने घोषणापत्र की बातों को कितने अच्छे से जनता को समझा पाती है। आईबीसी 24 आज आपको दोनों पार्टियों के घोषणापत्र की पूरी कहानी समझाने जा रहा है। एक लाइन की घोषणा पत्र के पीछे 5 सालों तक प्रदेश के किसान, यहां के आदिवासी, यहां की महिलाओं से लेकर युवा और गरीब लोगों को क्या मिलेगा, उसका विश्लेषण समझाने जा रहे हैं।

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महिलाओं के खाते में पांच साल का आंकड़ा 36 करोड़

आधी आबादी को क्या प्रदेश की आधी आबादी यानी महिला के लिए भाजपा ने महतारी वंदन योजना शुरू करने का ऐलान किया है। इसके तहत हर विवाहित महिला को एक साल में 12 हजार रुपये दिए जाएंगे। छत्तीसगढ़ में 60 लाख परिवार हैं और हर परिवार में एक विवाहित महिला की संख्या भी मान लें तो हर साल 60 लाख महिलाओं को 12-12 हजार रुपये दिए जाएंगे।  यानी एक साल में 720 करोड़ रुपये महिलाओं के खाते में पांच साल में आंकड़ा होगा 36 हजार करोड़ का लेकिन कांग्रेस की ओर से महिलाओं को सीधे- सीधे आर्थिक सहायता देने की कोई घोषणा नहीं हुई है। स्वयं सहायता समूह के कर्ज माफी की घोषणा जरुर है।

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कांग्रेस की कर्जमाफी से 20 लाख किसानों को मिलेगा फायदा

प्रदेश के अन्नदाता को क्या भाजपा ने 3100 रुपये की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने का ऐलान किया है, तो कांग्रेस ने 3200 रुपये की दर से 20 क्विंटल खरीदने का सीधा सा हिसाब हुआ। भाजपा एक एकड़ धान के लिए 65,100 रुपये देगी, तो कांग्रेस 64,000 रुपये सिर्फ इसी साल की धान खरीदी में ये वादे लागू हो गए तो कांग्रेस की तुलना में भाजपा को 900 करोड़ रुयपे ज्यादा देनी होगी, लेकिन सवाल भरोसे का है। भाजपा ने बोनस नहीं दिया था। किसान भरोसा करेंगे क्या ? कांग्रेस ने कर्जमाफी का ऐलान किया है। इसमें प्रदेश के करीब 37 लाख किसानों में से 20 लाख किसानों को फायदा मिलेगा और करीब 10 हजार करोड़ का कर्ज माफ होगा। भाजपा ने इसकी काट में दो साल के पेंडिंग बोनस देने का ऐलान किया है। किसानों को साढे तीन हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। कांग्रेस ने युवाओं के हायर से लेकर वोकेशनल, मेडिकल, टेक्निकल तक की सारी एजुकेशन फ्री कर दी है।

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भाजपा ने किया बोनस देने का ऐलान

योजना है केजी से पीजी तक की पढ़ाई फ्री लेकिन भाजपा ने एक लाख नौकरी देने की घोषणा की है, साथ ही कॉलेज तक जाने के लिए ट्रेवल अलाउंस, यूपीएससी की तर्ज पर भर्ती परीक्षा और स्टार्टअप के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ ब्याज मुक्त ऋण देने का ऐलान किया है। आदिवासी के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए भाजपा ने 5500 रुपये प्रति बोरा देने का ऐलान किया है तो कांग्रेस ने 6000 रुपये तो इस पर भाजपा ने 4500 रुपये सालाना बोनस देने का ऐलान किया है, लेकिन कांग्रेस ने 4000 रुपये के बोनस का ऐलान किया है। अब सवाल ये है कि क्या गरीबों के लिए क्या भाजपा की घोषणा है सरकार बनते ही 18 लाख आवासहीनों के लिए फंड जारी होंगे?

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CG Vidhan Sabha Chunav 2023: कांग्रेस ने साढ़े 17 लाख परिवार को घर देने की घोषणा की है, लेकिन यहां भी सवाल भरोसे का है अगर कांग्रेस ने पीएम के नाम से 5 साल तक फंड नहीं दी तो भाजपा पांच सालों तक मुद्दा उठाती रही है। भूमिहीनों को 10 हजार रुपये सालाना देने की घोषणा कांग्रेस ने भी की है और भाजपा ने भी यानी इस पर दोनों बराबरी में हैं। वहींं जनता को लुभाने में कहीं भाजपा कांग्रेस पर भारी पड़ती नजर आ रही है तो कहीं कांग्रेस भाजपा पर अब फैसला जनता पर है वो किस घोषणा को ज्यादा फायदेमंद समझती है और किस पार्टी को भरोसेमंद।

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