भोजपुरी को तुरंत आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए : दीपांकर |

भोजपुरी को तुरंत आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए : दीपांकर

भोजपुरी को तुरंत आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए : दीपांकर

:   Modified Date:  May 8, 2024 / 08:15 PM IST, Published Date : May 8, 2024/8:15 pm IST

पटना, आठ मई (भाषा) विपक्षी दलो के गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की अपनी लंबे समय से लंबित मांग को पुनर्जीवित करेगी ताकि इसे राजभाषा का दर्जा मिल सके।

भट्टाचार्य ने बुधवार को पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा, ‘‘भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने पर चुप्पी क्यों साधे हुए है।

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में लोकप्रिय यह भाषा बिहार के भोजपुर, रोहतास, कैमूर, बक्सर, सारण, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, जहानाबाद और पडोसी राज्य झारखंड के कई हिस्सों में बोली जाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र से मांग करते हैं कि भोजपुरी को तुरंत आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाए।’’

भाकपा माले बिहार में तीन सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है। तराई विधानसभा सीट से पार्टी के मौजूदा विधायक सुदामा प्रसाद आरा लोकसभा सीट से पार्टी के पूर्व विधायक राजाराम सिंह काराकाट से और पालीगंज से पार्टी के मौजूदा विधायक संदीप सौरव नालंदा लोकसभा सीट से महागठबंधन के उम्मीदवार हैं।

प्रदेश की दो लोकसभा सीटों – आरा एवं काराकाट – में भोजपुरी भाषी मतदाताओं की तादाद बहुत अधिक है।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘बिहार की राजग सरकार भी इस मुद्दे पर चुप है। न तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के शीर्ष नेता और न ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित सत्तारूढ़ जदयू के अन्य नेता, भोजपुरी को आधिकारिक भाषा का दर्जा देने के बारे में एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं। यह भोजपुरी भाषी मतदाताओं के साथ सरासर अन्याय है।’’

भोजपुरी भाषा को भारत के संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करना इस भाषा को बोलने वाले लोगों की सबसे पुरानी मांगों में से एक रही है।

भाषा अनवर रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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