नीतीश के अहम सहयोगी ने बिहार राजग में बेहतर समन्वय की मांग की |

नीतीश के अहम सहयोगी ने बिहार राजग में बेहतर समन्वय की मांग की

नीतीश के अहम सहयोगी ने बिहार राजग में बेहतर समन्वय की मांग की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 10:14 AM IST, Published Date : April 21, 2022/12:15 am IST

पटना, 20 अप्रैल (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक अहम सहयोगी ने राज्य में हाल में संपन्न बोचहां विधानसभा सीट उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हार के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगियों के बीच समन्वय की कमी को जिम्मेदार ठहराया है।

जनता दल (यूनाइटेड) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार को कहा कि बोचहां उपचुनाव जैसी हार को टालने के लिए बिहार में राजग में एक समन्वय समिति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस बात से इनकार करने का कोई मतलब नहीं है कि राजग के भीतर ताल मेल जैसा होना चाहिए वैसा नहीं है। यह एक ऐसा कारक हो सकता है जो बोचहां में हमारे खिलाफ गया। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप करना चाहिए और जदयू की बिहार में एक समन्वय समिति की लंबे समय से मांग पर विचार करना चाहिए।

यह बयान इस तथ्य के मद्देनजर महत्व रखता है कि जदयू अब राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का सबसे बड़ा गठबंधन सहयोगी है। राजग ने पिछले कुछ वर्षों में कई महत्वपूर्ण सहयोगियों को खो दिया है जिसमें महाराष्ट्र में शिवसेना, पंजाब में अकाली दल और आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी शामिल हैं।

बोचहां आरक्षित सीट पर उपचुनाव विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के कारण हुआ था जो राजग के सहयोगी बॉलीवुड सेट डिजाइनर से नेता बने मुकेश सहनी द्वारा स्थापित विकासशील इंसान पार्टी के टिकट पर 2020 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए थे। सहनी को भाजपा के इशारे पर राजग में लाया गया था और जिन्हें 2020 के विधानसभा चुनाव में अपनी सीट से हारने के बावजूद नीतीश कुमार कैबिनेट में शामिल किया गया था।

बाद में सहनी भाजपा कोटे की सीट से विधान परिषद के लिए चुने गए थे, लेकिन उत्तरप्रदेश में हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा के खिलाफ अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को उतारने के साथ अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बयानबाजी की थी।

उत्तरप्रदेश चुनाव के बाद बिहार भाजपा के कई नेताओं ने सहनी पर पलटवार किया था और उनकी पार्टी के सभी तीन विधायकों को अपने दल में शामिल कराने के साथ नीतीश कुमार से लिखित अनुरोध कर सहनी को मंत्री पद से बर्खास्त करवा दिया था।

भाषा अनवर सुरभि

सुरभि

 

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