निर्यात पर रोक से एक-दो हफ्ते में गेहूं की खुदरा कीमतें होंगी कमः खाद्य सचिव |

निर्यात पर रोक से एक-दो हफ्ते में गेहूं की खुदरा कीमतें होंगी कमः खाद्य सचिव

निर्यात पर रोक से एक-दो हफ्ते में गेहूं की खुदरा कीमतें होंगी कमः खाद्य सचिव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : May 14, 2022/9:08 pm IST

नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने पिछले एक साल में गेहूं और गेहूं के आटे की खुदरा कीमतों में हुई 19 प्रतिशत तक की वृद्धि की ओर इशारा करते हुए शनिवार को कहा कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले से एक- दो सप्ताह में घरेलू कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि भारत में गेहूं के उत्पादन में मामूली गिरावट आने के साथ ही वैश्विक आपूर्ति कम होने से भी इसकी कीमतों में वृद्धि हुई है। यही वजह है कि पिछले महीने गेहूं और आटे की घरेलू कीमतें भी बढ़ गईं।

खाद्य सचिव ने कहा कि भारत में गेहूं के उत्पादन में संभावित गिरावट और सरकारी खरीद में भी कमी आने का गेहूं की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) पर असर पड़ने की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘पीडीएस सुचारू रूप से चलती रहेगी।’’

वाणिज्य मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने शुक्रवार रात को गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। हालांकि, इसने अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जारी हो चुके वैध एलओसी के साथ गेहूं निर्यात की अनुमति दी है।

देश ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 45 लाख टन गेहूं के निर्यात का अनुबंध किया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इसमें से 14.6 लाख टन गेहूं अप्रैल में निर्यात किया गया था।

खाद्य सचिव ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘वैश्विक मांग बढ़ रही थी और विभिन्न देश प्रतिबंध लगा रहे थे। धारणाओं से कीमतें तय हो रही थीं। हमें पूरा विश्वास है कि अब धारणाएं भी कीमतों को नीचे लाने का काम करेंगी।’’

उन्होंने कहा कि इन दिनों कई क्षेत्रों में वैश्विक कीमतों के साथ-साथ मुद्रास्फीति का भी आयात होता है। गेहूं के मामले में भी यही हो रहा था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों का गेहूं 420-480 डॉलर प्रति टन के ऊंचे भाव पर बिक रहा था।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में भारत को बढ़ती घरेलू कीमतों पर नियंत्रण रखने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा। इस फैसले से निश्चित तौर पर कीमतों में नरमी लाने में मदद मिलेगी।

हालांकि उन्होंने कहा कि कीमतों में आने वाली गिरावट की मात्रा के बारे में कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन घरेलू कीमतों में एक-दो हफ्ते में निस्संदेह कमी आएगी।’’

भाषा

प्रेम मानसी

मानसी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)