पंजाब में कपास की खेती का क्षेत्रफल घटकर 1.75 लाख हेक्टेयर के अपने निचले स्तर पर

पंजाब में कपास की खेती का क्षेत्रफल घटकर 1.75 लाख हेक्टेयर के अपने निचले स्तर पर

पंजाब में कपास की खेती का क्षेत्रफल घटकर 1.75 लाख हेक्टेयर के अपने निचले स्तर पर
Modified Date: June 18, 2023 / 04:23 pm IST
Published Date: June 18, 2023 4:23 pm IST

चंडीगढ़, 18 जून (भाषा) पंजाब में इस खरीफ मौसम में कपास की खेती का क्षेत्रफल घटकर अपने निचले स्तर पर आ गया है। कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बार कपास की खेती के लिए तीन लाख हेक्टेयर के लक्ष्य की तुलना में कपास की खेती का क्षेत्रफल सिर्फ 1.75 लाख हेक्टेयर है।

कपास की खेती का क्षेत्रफल पंजाब में इस मौसम में पहली बार दो लाख हेक्टेयर से कम हो गया है। हालांकि, राज्य के कृषि विभाग ने पानी की खपत करने वाली धान की फसल के विकल्प के तौर पर इसे बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए थे।

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अधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग ने इस खरीफ के मौसम में कपास की खेती के लिए तीन लाख हेक्टेयर का लक्ष्य रखा था, लेकिन सिर्फ 1.75 लाख हेक्टेयर पर ही कपास की खेती हो सकी है।

उन्होंने बताया कि इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि कीटों के हमले के कारण पिछले दो साल में कपास की फसल को भारी नुकसान हुआ है।

कपास की खेती में गिरावट का दूसरा कारण कपास की बुवाई के समय बारिश का होना रहा।

अधिकारियों के अनुसार, इस बार कपास नहीं बोने वाले किसान बासमती और धान की फसल का रुख करेंगे।

पंजाब में जिन क्षेत्रों में कपास की खेती बढ़ी है, उनमें बटिंडा, मुक्तसर, मनसा, फाजिल्का, संगरूर, मोगा और फरीदकोट हैं।

पंजाब में 90 के दशक में सात लाख हेक्टेयर में कपास की खेती होती थी लेकिन बाद के वर्षों में यह धीरे-धीरे कम होती गई।

सत्र 2012-13 में कपास की खेती 4.81 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जो 2017-18 में और ज्यादा घटकर 2.91 लाख हेक्टेयर रह गई। सत्र 2018-19 में कपास की खेती 2.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में, 2019-20 में 2.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में, 2020-21 में 2.51 लाख हेक्टेयर और 2021-22 में यह 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में कपास की खेती हुई।

भाषा अनुराग अजय

अजय


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