जीएसटी के बाद सरकार उत्पाद शुल्क में छूट जारी रखने को बाध्य नहींः न्यायालय |

जीएसटी के बाद सरकार उत्पाद शुल्क में छूट जारी रखने को बाध्य नहींः न्यायालय

जीएसटी के बाद सरकार उत्पाद शुल्क में छूट जारी रखने को बाध्य नहींः न्यायालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : October 17, 2022/10:27 pm IST

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2017 में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम लागू होने के बाद केंद्र, उत्तराखंड और सिक्किम जैसे राज्यों में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उत्पाद शुल्क में शत-प्रतिशत छूट देने की नीति जारी रखने के लिए बाध्य नहीं है।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने इस बारे में दायर हीरो मोटोकॉर्प और सन फार्मा लेबोरेट्रीज की अपीलों को खारिज कर दिया। उत्तराखंड और सिक्किम में संयंत्रों का परिचालन करने वाली इन कंपनियों ने जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद उत्पाद शुल्क में मिलने वाली छूट को 100 प्रतिशत से घटाकर 58 प्रतिशत किए जाने को चुनौती दी थी।

केंद्र सरकार वर्ष 2003 के अपने निर्णय के तहत कम औद्योगीकरण वाले राज्यों में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वहां कार्यरत कंपनियों को उत्पाद शुल्क में शत-प्रतिशत छूट देती थी। लेकिन जीएसटी आने के बाद यह व्यवस्था बदल गई।

हालांकि उच्चतम न्यायालय ने दोनों कंपनियों को यह छूट दी कि वे इस संदर्भ में राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद के समक्ष अपना पक्ष रख सकती हैं। इसके साथ ही पीठ ने राज्यों की सरकारों के साथ जीएसटी परिषद से भी उनकी मांग पर गौर करने को कहा।

पीठ ने अपने फैसले में कहा, ‘जीएसटी परिषद एक संवैधानिक निकाय है। इसके पास जीएसटी लगाने एवं छूट देने से संबंधित निर्णय लेने की शक्तियां हैं। इसके अलावा यह पूर्वोत्तर एवं हिमालय के राज्यों के संदर्भ में कुछ विशेष प्रावधान किए जाने की सिफारिश भी कर सकती है।’

शीर्ष अदालत ने कहा कि पूर्वोत्तर एवं हिमालय के राज्यों में स्थापित औद्योगिक इकाइयों में लाखों लोग काम करते हैं। ऐसी स्थिति में संबंधित राज्य सरकारों को इन इकाइयों को नुकसान की भरपाई करने के बारे में विचार करना चाहिए।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण

 

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