नयी दिल्ली: privatisation of idbi bank दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बुधवार को कहा कि विभाग आशय पत्र (ईओआई) पर काम कर रहा है और जल्द ही आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के लिए निवेशकों से शुरुआती बोलियां आमंत्रित करेगा। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मई, 2021 में आईडीबीआई बैंक में रणनीतिक विनिवेश और प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
privatisation of idbi bank वर्तमान में बैंक में सरकार की 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एलआईसी वर्तमान में बैंक का प्रवर्तक भी है। उन्होंने ‘‘फिक्की कैपम-2022 19वें वार्षिक पूंजी बाजार सम्मेलन’ में कहा, ‘‘हम काफी समय से इसपर काम कर रहे हैं। यह अपनी तरह का पहला लेन-देन भी है जहां बोली के माध्यम से हम एक बैंक का निजीकरण करेंगे। सरकार और एलआईसी दोनों की आईडीबीआई बैंक में 94 प्रतिशत हिस्सेदारी है।’’
सचिव ने कहा कि वित्तीय प्रदर्शन में सुधार के बाद बैंक करीब चार बाद त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचे से बाहर आया है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने मार्च, 2021 में बेहतर वित्तीय प्रदर्शन पर लगभग चार साल बाद आईडीबीआई बैंक को त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचे से हटा दिया था। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव ने कहा, ‘‘हम आशय पत्र (ईओआई) पर काम कर रहे हैं और इसे जल्द ही जारी किया जाएगा।’
गौरतलब है कि सरकार ने 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने पहले ही 24,544 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं, जिसमें से अधिकांश योगदान इस साल मई में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी को सूचीबद्ध करके जुटाया गया है।
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