विदेशों में तेजी से तेल तिलहन कीमतें मजबूत |

विदेशों में तेजी से तेल तिलहन कीमतें मजबूत

विदेशों में तेजी से तेल तिलहन कीमतें मजबूत

:   Modified Date:  November 28, 2023 / 09:03 PM IST, Published Date : November 28, 2023/9:03 pm IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) विदेशों में मजबूती के रुख बीच खराब मौसम में मंडियों में तिलहन आवक प्रभावित होने तथा किसानों के सस्ते दाम पर बिकवाली कम करने के कारण मंगलवार को सभी तेल-तिलहनों के भाव मजबूती के साथ बंद हुए।

इस दौरान सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल मजबूती दर्शाते बंद हुए। मलेशिया एक्सचेंज में मजबूती का रुख है जबकि शिकागो एक्सचेंज में कल रात सुधार था और फिलहाल यहां तेजी जारी है।

कारोबारी सूत्रों ने कहा कि किसान मंडियों में सोयाबीन, मूंगफली और कपास की कम आवक ला रहे हैं जो तेल तिलहन कीमतों में मजबूती का प्रमुख कारण है। आज मंडियों में सोयाबीन की आवक 3,80,000 बोरी की हुई जबकि कपास की आवक 90,000 गांठ की ही रही।

इसी प्रकार, मूंगफली की भी आवक कम हुई। आयात के उपलब्ध विवरण बताते हैं कि नवंबर दिसंबर में आयात भी कम होने की पूरी संभावना है। सितंबर माह की तुलना में अक्टूबर में सूरजमुखी तेल का आयात 47 प्रतिशत घटकर 1,50,000 टन ही रह गया है। सोयाबीन तेल का आयात भी सितंबर की तुलना में 63 प्रतिशत घटकर 1,34,000 टन ही रह गया है।

एक अनुमान के अनुसार दिसंबर में लगभग 38 लाख शादियां हैं। सोयाबीन जैसे तेल के आयात की खेप को देश पहुंचने में कम से कम 40-50 दिन लगते हैं क्योंकि इसकी आपूर्ति मलेशिया नहीं बल्कि अर्जेन्टीना और ब्राजील जैसे देशों से हो पाती है तथा जहाज पर माल भरने, यात्रा के साथ साथ बंदरगाह पर खाली करने और थोक एवं खुदरा विक्रेताओं तक पहुंचाने में इतना समय लग जाता है। जब आयात कम हो रहा है, देशी तिलहन खपे नहीं हैं तो फिर आगे जाड़े और शादी विवाह की जो मांग है, वह कैसे पूरा होगा यह एक गंभीर प्रश्न है।

एक समय जब देश के किसानों की सरसों फसल बाजार में आने वाली थी तो उस वक्त सभी तेलों के आयात की मात्रा लगभग 18-19 लाख टन तक जा पहुंची थी। फिर अचानक क्या हुआ कि आयात कम होने लगा जबकि जाड़े और शादी विवाह के मौसम की मांग बढ़ने जा रही है। इस बात की पड़ताल की जानी चाहिये।

मंगलवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 5,675-5,725 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,700-6,775 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,650 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,325-2,600 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,800 -1,895 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,800 -1,910 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,875 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,275 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,050 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,200 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,45 0 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 5,285-5,335 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 5,085-5,135 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,050 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)